सूबे में भाजपा की लहर के बावजूद मुजफ्फरनगर जिले में सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशियों ने जीत का दमखम दिखाया है। 2017 में सभी छह सीटों पर एकतरफा जीत दर्ज करने वाली भाजपा अबकी बार खतौली और सदर सीट तक सिमटकर रह गई। 2002 के बाद रालोद अपनी खोई राजनीतिक ताकत पाने में कामयाब रहा। बुढ़ाना, मीरापुर और पुरकाजी सीट पर ‘हैंडपंप’ मतदाताओं की पहली पसंद बना, जबकि चरथावल सीट पर साइकिल चल निकली।
जनपद की छह विधानसभा सीटों के चुनाव परिणामों में सपा-रालोद गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में जीती हुई सीटों में भाजपा ने चार गंवा दी है। चार सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों की जीत रालोद के लिए संजीवनी साबित हुई। बुढ़ाना, मीरापुर, पुरकाजी, खतौली और सदर सीटों पर हैंडपंप के सिंबल पर चुनाव लड़े गए, जिसमें तीन सीटों पर रालोद ने भाजपा को शिकस्त दे दी। साइकिल के चुनाव चिन्ह पर चरथावल से लड़े पंकज मलिक ने भाजपा की सपना कश्यप को हरा दिया। पहली बार इस सीट पर सपा का खाता खुला है।
जनपद की छह विधानसभा सीटों के चुनाव परिणामों में सपा-रालोद गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में जीती हुई सीटों में भाजपा ने चार गंवा दी है। चार सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों की जीत रालोद के लिए संजीवनी साबित हुई। बुढ़ाना, मीरापुर, पुरकाजी, खतौली और सदर सीटों पर हैंडपंप के सिंबल पर चुनाव लड़े गए, जिसमें तीन सीटों पर रालोद ने भाजपा को शिकस्त दे दी। साइकिल के चुनाव चिन्ह पर चरथावल से लड़े पंकज मलिक ने भाजपा की सपना कश्यप को हरा दिया। पहली बार इस सीट पर सपा का खाता खुला है।