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उमाकांत यादव की क्राइम कुंडली: साल 1977 में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा, लूट और हत्या समेत दर्ज हैं 37 केस

अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 08 Aug 2022 05:52 PM IST
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first case was registered against Umakant Yadav in year 1977 including robbery and murder 37 cases registered
पेशी के दौरान पूर्व सांसद उमाकांत यादव - फोटो : अमर उजाला

मछलीशहर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत सात लोगों को जीआरपी सिपाही हत्याकांड में कोर्ट ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। खुटहन से लगातार तीन बार विधायक और मछलीशहर से एक बार सांसद रहे उमाकांत यादव के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। उमाकांत यादव पर पहली बार 1977 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद आजमगढ़, लखनऊ और जौनपुर में 36 आपराधिक मामले दर्ज हुए। इसमें  धोखाधड़ी, लूट, हत्या, लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे अन्य कई गंभीर मामले शामिल हैं। 



आजमगढ़ जिले के दीदारगंज थाना क्षेत्र के सरावां गांव निवासी पूर्व सांसद उमाकांत यादव के खिलाफ जौनपुर से तीन वारंट है। उमाकांत के भाई रमाकांत यादव भाजपा से सांसद रह चुके हैं। रमाकंत 2014 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़े थे और इस समय आजमगढ़ की फुलपुर पवई विधानसभा से विधायक हैं।

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पेशी के दौरान पूर्व सांसद उमाकांत यादव - फोटो : अमर उजाला
उमाकांत यादव वर्ष 2004 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे केशरी नाथ त्रिपाठी को हराकर पहली बार सांसद बने थे। उमाकांत यादव जब मछलीशहर से बसपा से सांसद थे, तब मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थी।
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उमाकांत यादव - फोटो : अमर उजाला
साल 2007 में फरारी के दौरान उमाकांत यादव तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के बुलाने पर उनसे मिलने गए थे, तब मायावती ने तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह को बुलाकर उन्हें गिरफ्तार कराया था। 

 
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umakant yaday- file photo - फोटो : prayagraj
वह 1991, 1993 में बसपा और 1996 में खुटहन से सपा के टिकट पर विधायक बने थे। 1996 में सपा के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद उमाकांत यादव पर महाराष्ट्र के सपा प्रदेश अध्यक्ष अबु हासिम आजमी के रिश्तेदार की जमीन कब्जा करने का भी आरोप लगा था। 
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उमाकांत यादव कोर्ट में पेशी के बाद जाते हुए - फोटो : अमर उजाला
उनके खिलाफ आजमगढ़ जिले के दीदारनगर, फूलपुर, अहरौला, लखनऊ के हजरतगंज, जौनपुर के शाहगंज और लाइन बाजार थाने में आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए थे। सबसे ज्यादा मुकदमे दीदारगंज में दर्ज हुए थे। उमाकांत यादव पर फूलपुर, अहरौला, दीदारगंज में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हुई थी। 
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