गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST), जिसका मतलब वस्तु एवं कर सेवा होता है, एक टैक्स संबंधी बिल (Tax Related Bill) है। 3 अगस्त 2016 को हमारे देश भारत में जीएसटी बिल पारित किया गया था, और सरकार ने इसे 1 जुलाई 2017 से विशेष क्षेत्रों में लागु करने का निर्णय लिया। सरकार के अनुसार जीएसटी लागु होने से टैक्स देने वालों को काफी सुविधा मिलेगी। इसे सरल शब्दो में कहा जाए तो सभी वस्तुओं और सेवाओं में नया जीएसटी टैक्स लगाए जायेगा, साथ ही पहले जो टैक्स लगते थे वो अब नहीं लगेंगे। GST बिल पास होने से पूरे देश में एक ही रेट टैक्स लगेगा, चूँकि ये सम्पूर्ण भारत में लगेगा इसलिए कोई और टैक्स भी नहीं देना होगा। जीएसटी एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है, जो व्यापक पैमाने पर पूरे देश के निर्माता, व्यापारी, वस्तुओं और सेवाओं के उपभोगताओं पर लगेगा और यह टैक्स सभी टैक्सों को हटा देगा जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए है, वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बिक्री के प्रत्येक चरण में लगने वाले इस टैक्स में “इनपुट टैक्स क्रेडिट मेथड” लगेगी। इस मेथड के अंतर्गत वस्तु एवं सेवा कर GST बिल के अधीन पंजीकृत व्यवसायों को टैक्स क्रेडिट क्लेम करने की सुविधा मिलेगी। जीएसटी बिल में शामिल मुख्य बातें: - जीएसटी बिल के अंतर्गत दो भाग होंगे - केंद्र द्वारा लगाए जाने वाला CGST , राज्यों द्वारा लागए जाने वाला SGST। दोनों GSTs की दरे क्या होंगी इसे निर्धारित किया जाएगा जो की इनकी आय और स्वीकार्यता को ध्यान में रख कर तय किया जायेगा। जीएसटी लागु होने से कई फायदे है जैसे टैक्स चोरी में कमी आएगी, कम विकसित राज्यों में अधिक आय प्राप्त होगी, आदि। जीएसटी से जोड़ी जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करे
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