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UP: औरंगजेब ने जहां नजरबंद किए थे शिवाजी महाराज, वहां बनेगा भव्य स्मारक; महाराष्ट्र सरकार कराएगी निर्माण
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sat, 22 Mar 2025 09:36 AM IST
सार
आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक का रास्ता साफ हो गया है। बजट की मंजूरी के बाद स्मारक बनाने का शासनादेश जारी कर दिया गया। महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम को जिम्मेदारी मिली है।
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छत्रपति शिवाजी महाराज
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
महाराष्ट्र सरकार ने आगरा के किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर 19 फरवरी को स्मारक बनाने का एलान किया था। अब बजट में मंजूरी के बाद शुक्रवार को स्मारक बनाने का शासनादेश जारी कर दिया।
शासनादेश में स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र सरकार कोठी मीना बाजार के उस भवन का अधिग्रहण करेगी जहां छत्रपति शिवाजी नजरबंद थे। उसे भव्य स्मारक बनाया जाएगा, जिसके लिए महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
महाराष्ट्र सरकार यहां म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो, डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन आदि भी करेगी। महाराष्ट्र सरकार के उपसचिव विजय कृष्णजी के हवाले शासनादेश जारी है। स्मारक बनाने और लाइट एंड साउंड शो समेत अन्य कार्यों के लिए महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में इतिहासकारों की कमेटी गठित की जाएगी।
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शासनादेश में स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र सरकार कोठी मीना बाजार के उस भवन का अधिग्रहण करेगी जहां छत्रपति शिवाजी नजरबंद थे। उसे भव्य स्मारक बनाया जाएगा, जिसके लिए महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
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महाराष्ट्र सरकार यहां म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो, डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन आदि भी करेगी। महाराष्ट्र सरकार के उपसचिव विजय कृष्णजी के हवाले शासनादेश जारी है। स्मारक बनाने और लाइट एंड साउंड शो समेत अन्य कार्यों के लिए महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में इतिहासकारों की कमेटी गठित की जाएगी।
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आठ साल यूपी सरकार करती रही बातें
छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर राजनीति करने वालों को महाराष्ट्र सरकार ने आइना दिखाया है। 19 फरवरी को आगरा किले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने घोषणा की और 15 दिन में बजट पास कर 32 दिन में शासनादेश और पूरी कार्ययोजना जारी कर दी। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार आठ साल से छत्रपति शिवाजी के नाम पर केवल बातें करती रही। शिवाजी स्मारक बनाने का मूल विचार तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक का था।
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छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर राजनीति करने वालों को महाराष्ट्र सरकार ने आइना दिखाया है। 19 फरवरी को आगरा किले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने घोषणा की और 15 दिन में बजट पास कर 32 दिन में शासनादेश और पूरी कार्ययोजना जारी कर दी। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार आठ साल से छत्रपति शिवाजी के नाम पर केवल बातें करती रही। शिवाजी स्मारक बनाने का मूल विचार तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक का था।
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चार माह नजरबंद रहे थे छत्रपति
आगरा किला में मुगल बादशाह औरंगजेब के दरबार को छोड़ देने के बाद छत्रपति शिवाजी को नजरबंद कर दिया गया था। इतिहास संकलन समिति ने आगरा किला की जगह कोठी मीना बाजार को वह जगह बताया, जहां छत्रपति चार माह नजरबंद किए गए थे। यहां से संभाजी राजे के साथ वह चतुराई से निकल गए और स्वराज की स्थापना की। आगरा में मराठी पर्यटक छत्रपति शिवाजी महाराज को नजरबंद किए जाने वाले स्थान पर जाना चाहते हैं। लेकिन कोई स्मारक, संग्रहालय नहीं होने के कारण पर्यटक समझ नहीं पाते।
आगरा किला में मुगल बादशाह औरंगजेब के दरबार को छोड़ देने के बाद छत्रपति शिवाजी को नजरबंद कर दिया गया था। इतिहास संकलन समिति ने आगरा किला की जगह कोठी मीना बाजार को वह जगह बताया, जहां छत्रपति चार माह नजरबंद किए गए थे। यहां से संभाजी राजे के साथ वह चतुराई से निकल गए और स्वराज की स्थापना की। आगरा में मराठी पर्यटक छत्रपति शिवाजी महाराज को नजरबंद किए जाने वाले स्थान पर जाना चाहते हैं। लेकिन कोई स्मारक, संग्रहालय नहीं होने के कारण पर्यटक समझ नहीं पाते।