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Health News: तीन घंटे का फार्मूला...हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से रहेंगे दूर, चिकित्सकों ने दी ये अहम सलाह
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Wed, 10 Dec 2025 04:16 PM IST
सार
सर्दी में खून गाढ़ा होने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जो हार्ट ब्लॉकेज तथा स्ट्रोक का कारण बनता है। ऐसे में चिकित्सकों ने तीन घंटे का फार्मूला सुझाया है। इस फार्मूला के जरिए स्वास्थ्य परेशारियों से बचा जा सकता है।
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हार्ट अटैक
- फोटो : adobe stock images
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विस्तार
ठंड ने दिल और दिमाग दोनों पर खतरा बढ़ा दिया है। एसएन मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. पीके महेश्वरी ने बताया कि सर्द मौसम में अचानक हार्ट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक की घटनाएं बढ़ जाती हैं। वर्तमान में ओपीडी में लकवा से पीड़ित कई लोग आ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण सुबह उठते ही नसों का सिकुड़ जाना और ब्लड प्रेशर का तेजी से बढ़ना है।
उन्होंने कहा कि ठंड में ब्लड गाढ़ा हो जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ता है, और यह हार्ट ब्लॉकेज तथा स्ट्रोक का मुख्य कारण बनता है। डॉ. महेश्वरी ने चेताया कि ठंड के मौसम में व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए और इसके लिए उन्होंने तीन घंटे का फार्मूला सबसे प्रभावी बताया। उन्होंने बताया कि सोने से तीन घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए ताकि पाचन क्रिया संतुलित होकर शरीर आराम की अवस्था में जा सके।
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उन्होंने कहा कि ठंड में ब्लड गाढ़ा हो जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ता है, और यह हार्ट ब्लॉकेज तथा स्ट्रोक का मुख्य कारण बनता है। डॉ. महेश्वरी ने चेताया कि ठंड के मौसम में व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए और इसके लिए उन्होंने तीन घंटे का फार्मूला सबसे प्रभावी बताया। उन्होंने बताया कि सोने से तीन घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए ताकि पाचन क्रिया संतुलित होकर शरीर आराम की अवस्था में जा सके।
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सुबह और शाम 45-45 मिनट की नियमित एक्सरसाइज शरीर को गर्म रखती है और रक्त प्रवाह को सामान्य करती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिम करने के तुरंत बाद सोना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उस समय रक्तचाप और मेटाबॉलिज्म दोनों उच्च स्तर पर होते हैं, ऐसे में दिल पर दबाव बढ़ सकता है। इसलिए जिम के कम से कम तीन घंटे बाद सोने से शरीर की क्रियाएं सामान्य हो जाती हैं और जोखिम काफी घट जाता है।
मंगलवार को एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिली। कुल 3325 मरीजों का उपचार किया गया। दवा पर्ची काउंटर से लेकर उपचार कक्ष तक लंबी कतारें लगी रहीं। ठंड के कारण मरीज और तीमारदार धूप लेने के लिए बाहर बैठते दिखाई दिए, लेकिन बैठने की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण लोगों को स्लैब और सीढ़ियों पर ही बैठना पड़ा।
ओपीडी के अंदर कुत्ता
ओपीडी के अंदर व्यवस्थाओं की लापरवाही भी सामने आई, जहां एक कुत्ता खुलेआम घूमता रहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन का किसी तरह का ध्यान इस ओर नहीं गया। वहां कई मरीज और तीमारदार मौजूद रहे, ऐसे में अगर वह कुत्ता किसी को काट ले तो जिम्मेदारी पर भी सवाल उठता।
ओपीडी में ये रही मरीजों की स्थिति
मेडिसिन विभाग- 752
ऑर्थोपेडिक विभाग- 338
त्वचा रोग- 249
ये भी पढ़ें-Agra News: शादी समारोह में बवाल...मेहमानों से मारपीट और पथराव, जान बचाकर भागे लोग; 60 के खिलाफ FIR
ओपीडी के अंदर व्यवस्थाओं की लापरवाही भी सामने आई, जहां एक कुत्ता खुलेआम घूमता रहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन का किसी तरह का ध्यान इस ओर नहीं गया। वहां कई मरीज और तीमारदार मौजूद रहे, ऐसे में अगर वह कुत्ता किसी को काट ले तो जिम्मेदारी पर भी सवाल उठता।
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