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UP: 71 करोड़ की नकली दवाओं पर जांच फेल...24 में 23 नमूने पास, केमिस्ट बोले- सब मिलीभगत!
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 01 Dec 2025 08:51 AM IST
सार
केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नकली दवा मामले में औषधि विभाग और एसटीएफ की जांच को फेल बताया है। उनका कहना है कि आरोपियों को जमानत मिलने के साथ ही नमूने भी पास हो गए हैं। ऐसे में पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। इस पर पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच कराने की संस्तुति करने और औषधि विभाग के अधिकारियों की संपत्ति की जांच करने की मांग की है।
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नकली दवा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने बीते 22 अगस्त को नकली दवा मामले में हे मां मेडिको, राधे मेडिकल एजेंसी, बंसल मेडिकल एजेंसी, एमएसवी मेडी पोइंट और ताज मेडिको पर कार्रवाई करते हुए 71 करोड़ रुपये की दवाएं सीज की थीं। नामी कंपनियों के नाम से एलर्जी, एंटीबायोटिक समेत अन्य की पुडुचेरी की मीनाक्षी फार्मा से दवाएं खरीदी थीं।
पुडुचेरी में नकली दवा बनाते हुए फैक्टरी भी पकड़ी थी। जांच के लिए भेजे गए 24 में से 23 नमूने पास बताए गए हैं। एक दवा घटिया मिली थी। इस मामले में जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा का कहना है कि दवाएं नकली बताकर सीज की गईं तो नमूने कैसे पास हो गए। दवाएं ठीक हैं तो सीज क्यों की गईं। इस पूरे मामले में औषधि विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। सीबीआई जांच की मांग के लिए डीएम को ज्ञापन देंगे।
आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष शर्मा का कहना है कि जांच के नाम पर औषधि विभाग ने खानापूर्ति की है। नकली मामले दवाओं की पैकिंग के वक्त नमी तो नहीं, तापमान कैसा था, दवाओं में मिलाने वाले कंपानेंट की मात्रा सही है कि नहीं समेत अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जानी चाहिए। शासन से मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए, जिससे हकीकत सामने आए। नकली मामले से दवा कारोबार पर असर पड़ने से व्यापार चौपट हो रहा है।
चार महीने में हो पाई नमूनों की जांच
जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि दवाओं के नमूनों की जांच प्राथमिकता से नहीं कराई गई। 24 नमूनों की जांच में करीब चार महीने लग गए। यहां तक कि एक नमूने की जांच दो महीने पहले हुई और बाकी के 23 नमूनों की जांच एक साथ कराई। नमूनों की जांच में इतनी देरी और अंतराल से भी कई प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
फॉरेंसिंक जांच भी कराई जाएगी
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय का कहना है कि सभी दवाओं की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जो नमूने पास हो गए हैं, उनकी फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।
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पुडुचेरी में नकली दवा बनाते हुए फैक्टरी भी पकड़ी थी। जांच के लिए भेजे गए 24 में से 23 नमूने पास बताए गए हैं। एक दवा घटिया मिली थी। इस मामले में जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा का कहना है कि दवाएं नकली बताकर सीज की गईं तो नमूने कैसे पास हो गए। दवाएं ठीक हैं तो सीज क्यों की गईं। इस पूरे मामले में औषधि विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। सीबीआई जांच की मांग के लिए डीएम को ज्ञापन देंगे।
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आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष शर्मा का कहना है कि जांच के नाम पर औषधि विभाग ने खानापूर्ति की है। नकली मामले दवाओं की पैकिंग के वक्त नमी तो नहीं, तापमान कैसा था, दवाओं में मिलाने वाले कंपानेंट की मात्रा सही है कि नहीं समेत अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जानी चाहिए। शासन से मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए, जिससे हकीकत सामने आए। नकली मामले से दवा कारोबार पर असर पड़ने से व्यापार चौपट हो रहा है।
चार महीने में हो पाई नमूनों की जांच
जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि दवाओं के नमूनों की जांच प्राथमिकता से नहीं कराई गई। 24 नमूनों की जांच में करीब चार महीने लग गए। यहां तक कि एक नमूने की जांच दो महीने पहले हुई और बाकी के 23 नमूनों की जांच एक साथ कराई। नमूनों की जांच में इतनी देरी और अंतराल से भी कई प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
फॉरेंसिंक जांच भी कराई जाएगी
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय का कहना है कि सभी दवाओं की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जो नमूने पास हो गए हैं, उनकी फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।