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UP: मोमोज-चाऊमीन, बर्गर खाने से मौत! फास्ट फूड से बच्चों की सेहत पर संकट, हर पांचवां बच्चा पेट रोग का शिकार
अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 25 Dec 2025 07:44 AM IST
सार
यूपी के अमरोहा में अधिक फास्ट फूड खाने से एक छात्रा की मौत हो गई। उसकी आंतें खराब हो गई थीं। एसएन के बाल रोग विभाग में हर पांचवें बच्चे में पेट में रोग मिल रहा है।
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जंक फूड्स
- फोटो : Adobe stock photos
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विस्तार
अमरोहा की 16 साल की अहाना की मौत की वजह मोमोज, चाऊमीन, बर्गर बने। यह परेशानी बच्चों में तेजी से पनप रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में हर पांचवें बच्चे में फास्ट फूड की वजह से पेट की बीमारी मिल रही है। आंतों में संक्रमण तक हो रहा है।
बाल रोग विभाग के डॉ. नीरज यादव ने बताया कि फास्टफूड में सिंथेटिक रंग, केमिकल और मैदा की अधिक मात्रा से पेट में विकार बढ़ रहे हैं। ओपीडी में औसतन 220 मरीज आते हैं। इनमें से 20 फीसदी में पेट में दर्द, सूजन, अपच, भूख कम लगना की शिकायत मिल रही है। इनमें 12 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जो फास्ट फूड और बाजार का भोजन अधिक कर रहे हैं। 3 फीसदी बच्चों की हालत ज्यादा खराब मिल रही है। पूछताछ में पता चला कि ये सप्ताह में 3-5 दिन फास्ट फूड खाते हैं। इसमें पेट में अल्सर, आंत में संक्रमण, सूजन हो रही है। कुछ की सर्जरी भी करानी पड़ रही है।
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बाल रोग विभाग के डॉ. नीरज यादव ने बताया कि फास्टफूड में सिंथेटिक रंग, केमिकल और मैदा की अधिक मात्रा से पेट में विकार बढ़ रहे हैं। ओपीडी में औसतन 220 मरीज आते हैं। इनमें से 20 फीसदी में पेट में दर्द, सूजन, अपच, भूख कम लगना की शिकायत मिल रही है। इनमें 12 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जो फास्ट फूड और बाजार का भोजन अधिक कर रहे हैं। 3 फीसदी बच्चों की हालत ज्यादा खराब मिल रही है। पूछताछ में पता चला कि ये सप्ताह में 3-5 दिन फास्ट फूड खाते हैं। इसमें पेट में अल्सर, आंत में संक्रमण, सूजन हो रही है। कुछ की सर्जरी भी करानी पड़ रही है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता घटी
इंडियन पीडियाट्रिक एकेडमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अरुण जैन ने बताया कि फास्टफूड में स्वाद के लिए केमिकल और रंग मिलाए जाते हैं। फाइबर युक्त भोजन की कमी हो रही है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता घट रही है। बच्चे हरी तरकारी व अन्य पौष्टिक भोजन से बचते हैं, जिससे कुपोषित भी हो रहे हैं। साफ-सफाई में कमी से डायरिया भी होता है।
इंडियन पीडियाट्रिक एकेडमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अरुण जैन ने बताया कि फास्टफूड में स्वाद के लिए केमिकल और रंग मिलाए जाते हैं। फाइबर युक्त भोजन की कमी हो रही है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता घट रही है। बच्चे हरी तरकारी व अन्य पौष्टिक भोजन से बचते हैं, जिससे कुपोषित भी हो रहे हैं। साफ-सफाई में कमी से डायरिया भी होता है।
सिंथेटिक रंग भी मिला रहे
पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मेंद्र त्यागी ने बताया कि फास्टफूड में स्वाद के लिए केमिकल और चटनी-सॉस में सिंथेटिक रंग मिलाए जा रहे हैं। लंबे समय तक इसके उपयोग से आंत में संक्रमण ओर पीलिया मिल रहा है। पेट में अल्सर, नसों में खिंचाव, पेट में दर्द, भूख कम लगना समेत अन्य परेशानी मिल रही है। दवाएं देने के साथ अभिभावकों को बच्चों को पौष्टिक भोजन देने की सलाह भी देते हैं।
पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मेंद्र त्यागी ने बताया कि फास्टफूड में स्वाद के लिए केमिकल और चटनी-सॉस में सिंथेटिक रंग मिलाए जा रहे हैं। लंबे समय तक इसके उपयोग से आंत में संक्रमण ओर पीलिया मिल रहा है। पेट में अल्सर, नसों में खिंचाव, पेट में दर्द, भूख कम लगना समेत अन्य परेशानी मिल रही है। दवाएं देने के साथ अभिभावकों को बच्चों को पौष्टिक भोजन देने की सलाह भी देते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चों को हरी सब्जी, फल, सलाद खाने पर जोर दें।
- हरी तरकारी से बच्चों के लिए घर पर पसंदीदा सामग्री बनाएं।
- स्कूलों में कैंटीन में फास्टफूड पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
- खाद्य विभाग फास्टफूड की गुणवत्ता के लिए सैंपलिंग लें।
- बच्चों को हरी सब्जी, फल, सलाद खाने पर जोर दें।
- हरी तरकारी से बच्चों के लिए घर पर पसंदीदा सामग्री बनाएं।
- स्कूलों में कैंटीन में फास्टफूड पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
- खाद्य विभाग फास्टफूड की गुणवत्ता के लिए सैंपलिंग लें।
