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एयर फोर्स डे: बालाकोट एयर स्ट्राइक में इन विमानों ने उड़ाए थे पाकिस्तान के होश, आगरा में रखी थी ऑपरेशन की नींव
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sun, 08 Oct 2023 10:24 AM IST
सार
दूसरे विश्व युद्व रहा हो या पाकिस्तान के बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक। खेरिया एयरबेस से अवाक्स, आईएल-78 जैसे विमानों ने अहम भूमिका निभाई है।
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वायुसेना दिवस
- फोटो : PTI
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विस्तार
Air Force Day 2023: दूसरे विश्व युद्व से लेकर पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक तक आगरा एयरफोर्स बेस स्टेशन हर ऑपरेशन की नींव रहा है। आजादी के दिन आगरा एयरफोर्स स्टेशन ने स्थापना के तुरंत बाद ही 1947 से 49 के बीच कश्मीर घाटी में भारतीय सेना की टुकड़ियां पहुंचाई, वहीं लेह के दुर्गम इलाके में पहली बार विमान की लैंडिंग कराई। स्क्वाड्रन 12 इस एयरबेस से जुड़ा रहा है। 1965, 1971, करगिल युद्व के अलावा बालाकोट एयर स्ट्राइक समेत बड़े ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पाकिस्तान और चीन पर निगरानी रखने वाले अवाक्स सिस्टम भी यहीं से संचालित हैं। देश का इकलौता पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग काॅलेज भी आगरा में है, जहां पैरा कमांडो ट्रेनिंग के लिए आते हैं।
इन विमानों का है बेस
एएन-32, आईएल-78, हरक्यूलिस, एवरो, अवॉक्स, सी-295
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इन विमानों का है बेस
एएन-32, आईएल-78, हरक्यूलिस, एवरो, अवॉक्स, सी-295
1947 में एयरफोर्स स्टेशन हुआ स्थापित
देश की आजादी के दिन यानी 15 अगस्त 1947 को विंग कमांडर शिवदेव सिंह की कमान में आगरा एयरफोर्स स्टेशन शुरू किया गया। पहले यह पश्चिमी कमान में था, पर 1971 में यह सेंट्रल एयर कमांड का हिस्सा बन गया। यहां डकोटा, कैनबरा, एएन-12, एचएस 748, सी-119, सी-47 जैसे विमानों ने अपनी सेवाएं दी हैं।
देश की आजादी के दिन यानी 15 अगस्त 1947 को विंग कमांडर शिवदेव सिंह की कमान में आगरा एयरफोर्स स्टेशन शुरू किया गया। पहले यह पश्चिमी कमान में था, पर 1971 में यह सेंट्रल एयर कमांड का हिस्सा बन गया। यहां डकोटा, कैनबरा, एएन-12, एचएस 748, सी-119, सी-47 जैसे विमानों ने अपनी सेवाएं दी हैं।
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1942 से एयरबेस, एयरपोर्ट अब तक नहीं
आगरा की सामरिक अहमियत समझते हुए द्वितीय विश्व युद्घ में अमेरिका ने खेरिया हवाई अड्डे को अपना बेस बनाया। तब से रॉयल एयरफोर्स यहां ऑपरेशन चलाती रही। उसी दौरान यहां एयरपोर्ट बनाने की कवायद शुरू की गई। एत्मादपुर में भी जमीन देखी गई, लेकिन खेरिया को ही बाद में विस्तार दे दिया गया। आजादी के 75 सालों में भी एशिया के बड़े एयरफोर्स स्टेशनों में शुमार आगरा एयरबेस पर इंटरनेशन एयरपोर्ट नहीं बन पाया, जबकि देश में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने के लिए ही आते हैं।
ये भी पढ़ें - यूपी: कौन है प्रखर गर्ग? जिसने हाईकोर्ट में बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ देने की लगाई अर्जी
आगरा की सामरिक अहमियत समझते हुए द्वितीय विश्व युद्घ में अमेरिका ने खेरिया हवाई अड्डे को अपना बेस बनाया। तब से रॉयल एयरफोर्स यहां ऑपरेशन चलाती रही। उसी दौरान यहां एयरपोर्ट बनाने की कवायद शुरू की गई। एत्मादपुर में भी जमीन देखी गई, लेकिन खेरिया को ही बाद में विस्तार दे दिया गया। आजादी के 75 सालों में भी एशिया के बड़े एयरफोर्स स्टेशनों में शुमार आगरा एयरबेस पर इंटरनेशन एयरपोर्ट नहीं बन पाया, जबकि देश में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने के लिए ही आते हैं।
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