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तस्वीरें: यमुना एक्सप्रेसवे पर छह साल में पांच हजार हादसे, चौंकाने वाला है मृतकों का आंकड़ा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला मांट (मथुरा)
Updated Mon, 13 Aug 2018 10:18 AM IST
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फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
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यमुना एक्सप्रेसवे के छह वर्ष पूरे हो गए हैं। रफ्तार का एक्सप्रेसवे अब हादसों का एक्सप्रेसवे कहा जाने लगा है। 12 अगस्त 2012 को शुभारंभ से अब तक 5000 से अधिक हादसे हो चुके हैं। 1000 से अधिक लोग हादसों में अपनी जान गवा चुके हैं।
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yamuna expressway
यमुना एक्सप्रेसवे के रविवार को छह वर्ष पूरे हो गए हैं। दुर्घटना का प्रमुख कारण हाई स्पीड में वाहनों का दौड़ना है। वाहनों की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा तय की गई है, लेकिन वाहन 180 से लेकर 200 किमी रफ्तार से दौड़ते हैं।
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यमुना एक्सप्रेस वे
युवा रफ्तार का आनंद लेने के लिए एक्सप्रेसवे पर ड्राइविंग करते हैं। शराब पीकर वाहनों को चलाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। यहां प्रतिदिन 20 से 22 हजार वाहन गुजरते हैं। वाहनों की रफ्तार पर नजर रखने के लिए जेपी समूह द्वारा 164 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, इस समय सभी कैमरे खराब हैं।
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Yamuna Expressway
इमरजेंसी के लिए एक्सप्रेसवे पर सूचना देने के लिए लगाए गए आईओएस सिस्टम भी खराब हैं। एक्सप्रेसवे पर ट्रॉमा सेंटर भी नहीं है। यदि एक्सप्रेसवे पर चार-पांच ट्रॉमा सेंटर खोल दिए जाएं तो त्वरित इलाज मिलने से मरने वालों की संख्या कम हो सकती है।
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Yamuna Expressway Accident
आंकड़ों पर गौर करें तो एक्सप्रेसवे पर 2012 में 275 हादसों में 33 की मौत, 2013 में 897 हादसों में 118 की मौत, 2014 में 771 हादसों में 127 की मौत, 2015 में 252 हादसों में 41 की मौत, 2016 में 980 हादसों में 226 की मौत, 2017 में 883 हादसों में 173 की मौत, वर्ष 2018 में 1000 से अधिक हादसों में 300 से अधिक की मौत हो चुकी है। 1500 से अधिक घायल हुए हैं।
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