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गजब का कारनामा: एडीए एप्रूव्ड कॉलोनी में विकसित हो गई अवैध कॉलोनी, आंख मूंदे बैठे रहे अधिकारी
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 24 Mar 2025 09:42 AM IST
सार
आगरा विकास प्राधिकरण के काम करने का तरीका आप को भी हैरान कर देगा। यहां एडीए एप्रूव्ड कॉलोनी में अवैध कॉलोनी विकसित हो गई और अधिकारियों को खबर तक नहीं लगी।
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- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आगरा में अंधेर देखिए, जिस अवैध कॉलोनी के खिलाफ 20 साल से शिकायत और नोटिसों का दौर चलता रहा। वह अवैध कॉलोनी एडीए एप्रूव्ड कॉलोनी के अंदर से रास्ता निकालकर विकसित हो गई। आगरा विकास प्राधिकरण सहित तमाम जिम्मेदार आंख मूंदे रहे। अब जांच के आदेश दिए गए हैं।
मारुति एस्टेट के अंदर मारुति एन्क्लेव फेज-2 है। एडीए से 1996 में इसका नक्शा पास हुआ था। 17,805 वर्ग मीटर में फैली इस कॉलोनी के पीछे कृषि भूमि थी। जिसमें बसंत एन्क्लेव नाम से अवैध कॉलोनी विकसित हो गई। सोसाइटी के सचिव तुलसीराम मंरगकर ने इस संबंध में एडीए उपाध्यक्ष से शिकायत दर्ज कराई।
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इसके बाद प्रवर्तन प्रभारी ने अवैध कॉलोनी विकसित करने वालों से जवाब मांगा है। दिलचस्प बात यह कि इस अवैध कॉलोनी को वैध बनाने के लिए यहां सरकारी धन से सड़क, सीवर, नाली भी बन गई। पानी की लाइन और बिजली कनेक्शन तक जुड़ गए। कॉलोनी में सत्ता से जुड़े लोग भी शामिल हैं। आरोप है कि अवैध कॉलोनी में प्रवेश के लिए एप्रूव्ड कॉलोनी के नक्शे से भी छेड़छाड़ की गई।
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13 नंबर के जिस भूखंड से अवैध कॉलोनी के लिए रास्ता दिया गया, वह 210 वर्ग गज था। जबकि इसका बैनामा 140 वर्ग गज का हुआ। बाकी 60 वर्ग गज भूमि से होकर अवैध कॉलोनी के लिए रास्ता निकाला गया है। यहां विधायक निधि से सड़क निर्माण चल रहा था। जिसे मारुति एन्क्लेव निवासियों की आपत्ति के बाद रोक दिया गया है। एडीए उपाध्यक्ष एम अरुन्मोली ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
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मारुति एस्टेट के अंदर मारुति एन्क्लेव फेज-2 है। एडीए से 1996 में इसका नक्शा पास हुआ था। 17,805 वर्ग मीटर में फैली इस कॉलोनी के पीछे कृषि भूमि थी। जिसमें बसंत एन्क्लेव नाम से अवैध कॉलोनी विकसित हो गई। सोसाइटी के सचिव तुलसीराम मंरगकर ने इस संबंध में एडीए उपाध्यक्ष से शिकायत दर्ज कराई।
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इसके बाद प्रवर्तन प्रभारी ने अवैध कॉलोनी विकसित करने वालों से जवाब मांगा है। दिलचस्प बात यह कि इस अवैध कॉलोनी को वैध बनाने के लिए यहां सरकारी धन से सड़क, सीवर, नाली भी बन गई। पानी की लाइन और बिजली कनेक्शन तक जुड़ गए। कॉलोनी में सत्ता से जुड़े लोग भी शामिल हैं। आरोप है कि अवैध कॉलोनी में प्रवेश के लिए एप्रूव्ड कॉलोनी के नक्शे से भी छेड़छाड़ की गई।
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13 नंबर के जिस भूखंड से अवैध कॉलोनी के लिए रास्ता दिया गया, वह 210 वर्ग गज था। जबकि इसका बैनामा 140 वर्ग गज का हुआ। बाकी 60 वर्ग गज भूमि से होकर अवैध कॉलोनी के लिए रास्ता निकाला गया है। यहां विधायक निधि से सड़क निर्माण चल रहा था। जिसे मारुति एन्क्लेव निवासियों की आपत्ति के बाद रोक दिया गया है। एडीए उपाध्यक्ष एम अरुन्मोली ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।