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UP: अय्याश प्रोफेसर ने जिस्म ही नहीं...विश्वास भी नोंचा, पीएचडी छात्रा का दर्द; कोर्ट में दर्ज होंगे बयान

अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Tue, 28 Oct 2025 09:51 AM IST
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सार

आगरा विश्वविद्यालय की शोध छात्रा ने प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण और फिर मारपीट का भी आरोप है। इस मामले में पुलिस छात्रा के बयान कोर्ट में दर्ज कराएगी। 

Professor Accused of Exploiting Research Scholar on Pretext of Marriage
छात्रा सांकेतिक फोटो - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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शोध छात्रा के शारीरिक शोषण के मामले में न्यू आगरा पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। सोमवार को छात्रा के बयान दर्ज किए। मेडिकल भी कराया। साथ ही स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ विभागाध्यक्ष को रिपोर्ट भी भेजी। अब मंगलवार को पीड़िता के बयान दर्ज कराए जाएंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।


वहीं पुलिस छात्रा के मोबाइल और अन्य दस्तावेज से साक्ष्य जुटा रही है। आगरा जिले की रहने वाली छात्रा ने पुलिस से शिकायत की थी। इसमें कहा कि वह स्कूल ऑफ बेसिक साइंस की रिसर्च स्काॅलर है। पीएचडी के दाैरान उसका स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के केमिस्ट्री के प्रो. गाैतम जैसवार से संपर्क हुआ। प्रोफेसर उन्हें पीएचडी में गाइडेंस दे रहा था। आरोप है कि प्रोफेसर ने बातों में फंसाकर करीबी बढ़ा ली। इसके बाद शादी का झांसा देकर दो साल तक शारीरिक शोषण किया। शादी की कहने पर इन्कार करने लगा। विश्वविद्यालय में बदनाम करने की धमकी दी।
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शोध में फेल करने की धमकी देकर चुप कर दिया। मामले में परिजन की शिकायत पर पुलिस ने रविवार को केस दर्ज किया था। एसीपी हरीपर्वत अक्षय संजय महाडिक ने बताया कि मामले में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म, मारपीट और बदनाम करने की धमकी की धारा में केस दर्ज किया गया है। पीड़िता के पुलिस ने बयान दर्ज कर लिए हैं। मेडिकल भी कराया गया है। 

 कुलपति प्रो. आशु रानी ने ये कहा
 कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि यह प्रकरण बेहद गंभीर है इसकी जानकारी पुलिस की ओर से की गई शिकायत से ज्ञात हुई। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन कर दिया गया है, जिसमें महिला अधिवक्ता समेत विशेषज्ञ सदस्य शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लॉ और नियम के आधार पर प्रकरण की जांच की जा रही है। यदि प्रोफेसर दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ टर्मिनेशन तक की कार्रवाई की जाएगी।

 
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