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यूपी का 'जामताड़ा': 'हेलो...बैंक से बोल रहा हूं', बीहड़ से चल रहा ठगों का नेटवर्क; अब तक 50 से अधिक गिरफ्तार

संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा Published by: अरुन पाराशर Updated Sun, 21 Dec 2025 11:27 AM IST
सार

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में फिल्म जामताड़ा की तरह ठगों का नेटवर्क चल रहा है। पुलिस अब तक 50 से अधिक को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एक दर्जन से अधिक के खिलाफ संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है। 

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ravines of Chambal in Agra have become hub for cyber fraudsters like as jamtara film
चंबल का बीहड़। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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हेलो-हेलो... मैं बैंक से बोल रहा हूं। आपके खाते को अपडेट करना है। अगर अपडेट नहीं कराएंगे तो एक घंटे में खाता बंद कर दिया जाएगा। आपको बस घर बैठे खाते की जानकारी और ओटीपी बताना होगा। क्लिक-क्लिक और खाता खाली...। कभी चंबल की पहचान डाकुओं से थी, लेकिन अब साइबर ठगों की ऐसी आवाज सुनाई दे रही है। फिल्म जामताड़ा में झारखंड और पश्चिम बंगाल से की जा रही ठगी की कहानी चंबल के बीहड़ में दोहराई जा रही है।
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पिछले दिनों मथुरा के चार गांव देवसेरस, मुड़सेरस, नगला अकातिया और दाैलतपुर में पुलिस ने साइबर अपराधियों की धरपकड़ का अभियान चलाया था। 40 से अधिक को गिरफ्तार किया था। आरोपी आलीशान घरों में रह रहे थे। महंगी गाड़ियां और फोन खरीदकर ऐश ओ आराम की जिंदगी जी रहे थे। एक के बाद एक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
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यह सिर्फ मथुरा में ही नहीं है। वर्ष 2020 में पुलिस ने आगरा में अभियान चलाया था। बाह और पिनाहट क्षेत्र के पिढ़ाैरा, जैतपुर के तड़हेता, खेड़ा राठाैर के भगतनपुरा सहित एक दर्जन गांव के युवा बीहड़ में जाकर फोन से लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। फिल्म जामताड़ा की तरह यहां नेटवर्क चल रहा है। पुलिस ने तब 50 से अधिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एक दर्जन से अधिक के खिलाफ संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की थी। तत्कालीन आईजी ए सतीश गणेश ने इन गांवों में जागरुकता अभियान चलाया था।

 

लालच में फंसाकर आनलाइन लूट रहे रकम
डीसीपी पूर्वी जोन अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि बसई अरेला क्षेत्र में हाल में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वह लोगों को नाैकरी और निवेश का झांसा देकर ठग रहे थे। 3 आरोपियों की तलाश की जा रही है। गिरोह लोगों को फोन करके झांसा देकर रकम जमा कराता है। वह सिम और खाते फर्जी आईडी से खुलवाते हैं। इंटरनेट भी फर्जी आईडी पर लिए गए वाईफाई की मदद से इस्तेमाल करते हैं। पुलिस काफी जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर करती है

 

पुलिस गांव-गांव करेगी युवाओं को जागरुक
डीसीपी पूर्वी जोन ने बताया कि पुलिस गांव-गांव जाएगी। युवाओं को जागरुक किया जाएगा। जो लोग इस तरह के गिरोह में फंसे हैं, उनको चिह्नित करेंगे। परिजन को बताएंगे कि एक बार पुलिस पकड़ लेगी तो भविष्य खराब हो जाएगा। जेल जाने के साथ संपत्ति चिह्नित करके कार्रवाई की जाएगी। ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे कानूनी रूप से फंसना पड़ जाएगा।

 

क्या करें, क्या नहीं
- अंजान नंबर से आए फोन पर ध्यान न दें, रकम की मांग करे तो समझ जाएं कि साइबर ठग हैं।
- सोशल मीडिया पर अंजान से सावधान रहें और निजी जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।
- पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। ऐसा फोन आए तो उसे साइबर ठग समझिए
- बैंक अधिकारी बताकर कोई ओटीपी मांगे तो न दें, बैंक कर्मचारी कभी ऐसे फोन नहीं करता
- साइबर ठगी होने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन करें। साइबर सेल में शिकायत करें

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