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UP Budget 2025: आठ लाख करोड़ रुपये का बजट...फिर भी आगरा के वो सपने रह गए अधूरे, जिनकी है बेहद जरूरत
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 21 Feb 2025 08:56 AM IST
सार
योगी सरकार ने आठ लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, लेकिन इसके बाद भी आगरा के दो महत्वपूर्ण सपने अधूरे रह गए, जिनकी बेहद जरूरत समझी जा रही है। बात कर रहे हैं टेक्सटाइल और फूड पार्क की, जिसके लिए बजट में प्रावधान किए जाने की आगरा को इस बार पूरी उम्मीद थी।
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जीवनी मंडी स्थित चैंबर सभागार में अमर उजाला संवाद में बजट पर चर्चा करते पदाधिकारी
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
प्रदेश सरकार ने 8 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, लेकिन इसमें आगरा के लिए नक्षत्रशाला को छोड़कर कोई नई योजना घोषित नहीं की गई। उद्यमी फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, आईटी पार्क और नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के साथ पर्यटन के क्षेत्र में बड़ी योजनाओं के इंतजार में थे, लेकिन उनके सपने अधूरे रह गए। केवल अधूरी योजनाओं को ही पूरा करने के लिए सरकार ने बजट जारी किया है।
अमर उजाला के संवाद में उद्यमियों का यह दर्द सामने आया। जीवनी मंडी स्थित नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड चैंबर ने प्रदेश के बजट में किए गए प्रावधानों का स्वागत किया, जिनमें छात्राओं के लिए स्कूटी, कामकाजी महिलाओं के लिए श्रमजीवी महिला हॉस्टल, उत्सव भवन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब और सिटी बनाने के प्रस्ताव पसंद आए।
वहीं, आगरा की उपेक्षा पर उद्यमियों का दर्द फूट पड़ा। नेशनल चैंबर के अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने कहा कि बजट प्रावधान ठीक हैं, लेकिन आगरा के लिए टेक्सटाइल पार्क और फूड प्रोसेसिंग पार्क की जरूरत थी, जो पूरी नहीं हुई।
पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि साइंस सिटी का प्रस्ताव अच्छा है, पर आगरा को लॉ कॉलेज की जरूरत थी, वहीं पेठा, जूता उद्योग के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया।
संजय गोयल और शलभ शर्मा ने कहा कि चांदी श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के साथ हस्तशिल्पियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर आगरा की कला को जीवित रखने के लिए जरूरी था। आलू प्रसंस्करण केंद्र बनता तो किसानों की स्थिति में सुधार आता। इस दौरान उपाध्यक्ष अंबा प्रसाद गर्ग, रविंद्र अग्रवाल, मनोज गुप्ता, योगेश जिंदल आदि मौजूद रहे।
बीआईएस मानकों पर भी मंथन
नेशनल चैंबर सभागार में बीआईएस के मानकों पर भी उद्यमियों ने मंथन किया। नोएडा बीआईएस के उपनिदेशक अफसर इमाम ने सेफ्टी फुटवियर के मानकों में आए बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि मैनुअल को नियमित पढ़ें और इसका अनुपालन सख्ती से करें। उपाध्यक्ष अंबा प्रसाद गर्ग ने सेफ्टी फुटवियर की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बीआईएस की उपयोगिता पर जोर दिया। इस दौरान अध्यक्ष अतुल गुप्ता, देवांश पचौरी, सुनील गुप्ता, पुष्पेंद्र सिंह, आलोक आदि मौजूद रहे।
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अमर उजाला के संवाद में उद्यमियों का यह दर्द सामने आया। जीवनी मंडी स्थित नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड चैंबर ने प्रदेश के बजट में किए गए प्रावधानों का स्वागत किया, जिनमें छात्राओं के लिए स्कूटी, कामकाजी महिलाओं के लिए श्रमजीवी महिला हॉस्टल, उत्सव भवन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब और सिटी बनाने के प्रस्ताव पसंद आए।
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वहीं, आगरा की उपेक्षा पर उद्यमियों का दर्द फूट पड़ा। नेशनल चैंबर के अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने कहा कि बजट प्रावधान ठीक हैं, लेकिन आगरा के लिए टेक्सटाइल पार्क और फूड प्रोसेसिंग पार्क की जरूरत थी, जो पूरी नहीं हुई।
पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि साइंस सिटी का प्रस्ताव अच्छा है, पर आगरा को लॉ कॉलेज की जरूरत थी, वहीं पेठा, जूता उद्योग के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया।
संजय गोयल और शलभ शर्मा ने कहा कि चांदी श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के साथ हस्तशिल्पियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर आगरा की कला को जीवित रखने के लिए जरूरी था। आलू प्रसंस्करण केंद्र बनता तो किसानों की स्थिति में सुधार आता। इस दौरान उपाध्यक्ष अंबा प्रसाद गर्ग, रविंद्र अग्रवाल, मनोज गुप्ता, योगेश जिंदल आदि मौजूद रहे।
बीआईएस मानकों पर भी मंथन
नेशनल चैंबर सभागार में बीआईएस के मानकों पर भी उद्यमियों ने मंथन किया। नोएडा बीआईएस के उपनिदेशक अफसर इमाम ने सेफ्टी फुटवियर के मानकों में आए बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि मैनुअल को नियमित पढ़ें और इसका अनुपालन सख्ती से करें। उपाध्यक्ष अंबा प्रसाद गर्ग ने सेफ्टी फुटवियर की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बीआईएस की उपयोगिता पर जोर दिया। इस दौरान अध्यक्ष अतुल गुप्ता, देवांश पचौरी, सुनील गुप्ता, पुष्पेंद्र सिंह, आलोक आदि मौजूद रहे।