UP: पूर्व सपा विधायक के भाई और योगेंद्र के पड़ोसियों पर मुकदमा; सपा दफ्तर के बाहर युवक ने खुद को लगाई थी आग
सीओ मयंक पाठक ने बताया कि योगेंद्र की तहरीर पर अब जिस पक्ष पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उस पक्ष पर इसी मामले में पिछले वर्ष भी मुकदमा दर्ज किया गया था। तब वह सीएम के दरबार में अपने दोनों पांवों में नकली प्लास्टर चढ़वाकर पहुंच गया था।

विस्तार
लखनऊ में सपा दफ्तर के सामने भुजपुरा सुपार कॉलोनी के योगेंद्र गोस्वामी उर्फ बॉबी द्वारा बुधवार को खुद को आग लगाने के बाद पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने योगेंद्र परिवार की ओर से दो मुकदमे दर्ज किए हैं। जिनमें एक मुकदमा पूर्व सपा विधायक के भाई पर लिखा है। साथ में दोनों मुकदमों में पूर्व विधायक के भाई सहित पांच लोगों को शांति भंग में भी पाबंद किया है।

मुंहबोली बहन की ओर से लिखा पहला मुकदमा
पहला मुकदमा देहली गेट थाने में योगेंद्र की मुंह बोली बहन की ओर से लिखा गया है। दर्ज कराए गए मुकदमे में सपा के पूर्व विधायक जमीरउल्लाह के भाई शमीम, उनके शाहजमाल कारखाने के कर्मचारी फईम व कारखाने के कटईया ईद मो.को नामजद किया गया है। योगेंद्र की बहन ने मुकदमे में 11 अगस्त की घटना का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया है कि वह रोजाना की तरह बक्कल कारखाने में काम करने गई तो वहां तीनों नामजदों ने एक साथ मारपीट की। जब वह बचाव करते हुए चिल्लाई तो तीनों ने मारपीट कर धक्का देकर भगा दिया। साथ में मजदूरी के रुपये भी नहीं दिए। पुलिस ने मारपीट व कपड़े फाड़ने की धारा में मुकदमा दर्ज किया है। साथ में नामजदों को हिरासत में लेकर शांति भंग में पाबंद किया, जिन्हें बृहस्पतिवार दोपहर एसीएम के यहां से मुचलके पर रिहा किया गया।
उच्चाधिकारियों को भेजी तहरीर पर लिखा दूसरा मुकदमा
दूसरा मुकदमा खुद योगेंद्र द्वारा भेजी गई तहरीर पर लिखा गया है। इस मुकदमे में योगेंद्र के पड़ोसी दानिश उर्फ दानू, वसीम, नदीम, मास्टर सट्टेबाज को नामजद किया है। मुकदमे में आरोप है कि नामजद उससे रंगदारी में रुपये मांगते हैं। कई बार रुपये छीन लिए हैं। 24 मई 2020 को आरोपियों को दिए गए 6 लाख रुपये वापस मांगने पर घर में घुसकर बेरहमी से पीटा गया। बीचबचाव में बहनों को भी पीटा व अभद्रता की। साथ में तमंचा दिखाकर यह कहते हुए धमकाया कि तू हिंदू है। तुझे यहां नहीं रहने देंगे। हमारा पुलिस में रुपया जाता है। तुझे झूठे केस में जेल भिजवा देंगे। साथ में आरोपी मकान पर अपना कब्जा करना चाहते हैं। इस मामले में सीएम के दरबार में भी जाकर मिला। मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस वर्ष 17 अगस्त को फिर आरोपियों से रुपये मांगे तो उन्होंने डराया धमकाया। पुलिस ने सभी नामजदों पर बृहस्पतिवार को मुकदमा दर्ज किया। जिसमें से दानिश व मास्टर को हिरासत में लेकर शांति भंग में पाबंद किया। जिन्हें एसीएम के यहां से मुचलके पर रिहा किया गया।
-योगेंद्र के प्रकरण में परिवार की ओर से जो दो शिकायतें दी गई थीं, उन दोनों पर अलग अलग मुकदमे दर्ज कर पूर्व विधायक के भाई सहित पांच लोगों को शांति भंग में पाबंद किया गया है। बाकी अब तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद आगे निर्णय लिया जाएगा। -मयंक पाठक, सीओ प्रथम
तब नकली प्लास्टर लगवाकर सीएम से मिला था योगेंद्र
सीओ मयंक पाठक ने बताया कि योगेंद्र की तहरीर पर अब जिस पक्ष पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उस पक्ष पर इसी मामले में पिछले वर्ष भी मुकदमा दर्ज किया गया था। तब वह सीएम के दरबार में अपने दोनों पांवों में नकली प्लास्टर चढ़वाकर पहुंच गया था। वहां से मिले निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जब यहां आने पर योगेंद्र का मेडिकल परीक्षण कराया गया तो उसके दोनों पांवों का प्लास्टर नकली पाया गया था। कहीं भी चोट या हड्डी टूटना नहीं पाया गया था। उस समय इसे हिदायत दी गई थी। साथ में मुकदमे में आरोपियों पर चार्जशीट दी थी। अब फिर उसी आरोप में इसने सीएम सहित कई जगहों पर शिकायत दी है। जिसकी जांच में निर्णय लिया जाएगा।
बोले पार्षद-
-यह परिवार मामूली बातों पर किसी को भी झूठा फंसाने की धमकी देता फिरता है। पूर्व में भी कुछ लोगों को फंसवा चुका है। खुद भी यह लोग जेल जा चुके हैं। अब इन्होंने ऐसा किस वजह से किया। ये वही जानें। मगर इनके आरोप निराधार हैं। -मो.इरशाद, इलाका पार्षद
-हमारे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं, वे निराधार हैं। घटना के समय ही पुलिस को पूरा वाकया बताया गया था। सीसीटीवी में स्पष्ट हुआ था। बावजूद इसके अब परिवार आरोप लगा रहा है। हम हर जांच के लिए राजी हैं। -शमीम खां, पूर्व विधायक के भाई
-हमारे दो भाई व एक बहन लखनऊ गए थे। एक जो अस्पताल में भर्ती हैं, उनसे तो पुलिस ने बात करा दी है। यहां से पुलिस भी चली गई है। मगर साथ गए दूसरे भाई-बहन की जानकारी नहीं मिल रही है। -योगेंद्र की मुंहबोली बहन