CAA: चुनाव से पहले सीएए लागू करने के मिल रहे संकेत, लखनऊ में अधिकारियों को दिए निर्देश, 2019 में हुआ था यह
संकेत मिल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार सीएए लागू कर सकती है। वर्ष 2019 में सीएए कानून के विरोध में अलीगढ़ सहित प्रदेश के कुछ जिलों में जमकर उपद्रव हुए थे। पुराने अनुभवों को ध्यान में रखकर पुलिस प्रशासन के स्तर पर तैयारियां शुरू कराई जा रही हैं। ताकि चुनाव के दिनों में किसी तरह की समस्या न हो।

विस्तार
साल 2019 में सीएए को लेकर जिन जिलों में बवाल हुए थे, उनके पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दो दिन पहले लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें उन्हें बताया गया कि कैसे संवाद कर लोगों को समझाना है कि ये सीएए कानून किसके लिए है और किसके लिए नहीं है। साथ ही जो भी कानून व्यवस्था में अड़चन पैदा करे, उस पर कैसे कार्रवाई करनी है। लखनऊ से लौटने के बाद अधिकारियों ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है। इन तैयारियों से संकेत मिल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार सीएए लागू कर सकती है। वर्ष 2019 में सीएए कानून के विरोध में अलीगढ़ सहित प्रदेश के कुछ जिलों में जमकर उपद्रव हुए थे। पुराने अनुभवों को ध्यान में रखकर पुलिस प्रशासन के स्तर पर तैयारियां शुरू कराई जा रही हैं। ताकि चुनाव के दिनों में किसी तरह की समस्या न हो।

लखनऊ में हुई बैठक में जिला व रेंज स्तर के पुलिस प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे। इस बैठक में साफ कहा गया कि हमें लोगों से संवाद करना है, सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखनी है। सभी को यह बताना और समझाना है कि यह कानून मूल भारतवासियों के लिए नहीं है। एसएसपी संजीव सुमन बताते हैं कि इसे लेकर होमवर्क शुरू कर दिया गया है। लोगों से संवाद को विशेष फोकस पर रखा गया है। साथ में पुरानी घटनाओं को ध्यान में रखकर भी अलग से काम किया जा रहा है। किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
लखनऊ की बैठक में सीधे तौर पर लोगों को समझाने, संवाद करने पर फोकस रहा है। इसे लेकर अधिकारियों को थाना स्तर पर काम कराया जा रहा है। संवाद के जरिये सभी को समझाया जाएगा।-शलभ माथुर, आईजी रेंज
2019 में हुए घटनाक्रम एक नजर में
- 15 दिसंबर की रात एएमयू छात्र और बाहरियों से पुलिस का टकराव
- 16 दिसंबर से कई दिन तक शहर में छात्रों पर लाठीचार्ज का विरोध
- 20 जनवरी की शाम शाहजमाल-चरखवालान में पुलिस पर पथराव
- 29 जनवरी से शाहजमाल ईदगाह के सामने महिलाओं का धरना
- 22 फरवरी से शाहजमाल से कुछ महिलाएं ऊपरकोट पर धरने पर बैठीं
- 23 फरवरी को ऊपरकोट पर बवाल, बाबरी मंडी में तारिक जख्मी हुआ
- 13 मार्च को गोली से जख्मी मेडिकल कॉलेज में मृत घोषित किया गया
- 24 मार्च को 56वें दिन शाहजमाल का धरना खत्म कराया जा सका
ये भी हुआ घटित
- एएमयू-जामिया में लाठीचार्ज पर सुप्रीम कोर्ट में अलीगढ़ के पुलिस अधिकारी तलब
- एएमयू छात्रों की याचिका पर हाईकार्ट ने मानवाधिकार आयोग को सौंप दी थी जांच
- मानवाधिकार आयोग ने की घायल छात्रों को मुआवजे-पुलिस कार्रवाई की संस्तुति
- एएमयू के स्तर से इस पूरे बवाल की मजिस्ट्रेटी जांच की संस्तुति भी की गई थी
ये रही पुलिस कार्रवाई
- 23 मुकदमे सिविल लाइंस थाने में दर्ज, 3 में अंतिम रिपोर्ट
- 3 मुकदमे क्वार्सी थाने में दर्ज, 1 में अंतिम रिपोर्ट दे दी गई
- 8 मुकदमे देहली गेट थाने में दर्ज, 2 में अंतिम रिपोर्ट दी
- 13 मुकदमे कोतवाली थाने में दर्ज, 4 में अंतिम रिपोर्ट दी
- 47 मुकदमों में दो थानों में दो मुकदमे मर्ज किए गए थे
मानवाधिकार आयोग की संस्तुति पर ये कार्रवाई
दो सिपाही व दो पीएसीकर्मियों पर मिस कंडक्ट की कार्रवाई की गई। तीन छात्र पुरानी चुंगी के नसीर को 25 हजार, कोशांबी कमालपुर के मो.तंजीम को 10 हजार, सुलेमान हॉल के अयाज अंसारी को 10 हजार मुआवजा दिया गया। एमएम हॉल के तारिक, बीएम हॉल के तबरेज व एसएस साउथ के नदीम ने मुआवजा लेने से इंकार कर दिया।
अलीगढ़ में उपद्रव के बाद तीन माह तक रहा था तनाव
15 अगस्त की देर शाम अचानक जामिया दिल्ली में पुलिस लाठीचार्ज की अफवाह कैंपस में आई और यहां छात्र उग्र हो गए। पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ गया। अगले दिन पुलिस इंटेलीजेंस की रिपोर्ट आई कि बाहरियों ने एएमयू में अफवाह फैलाई और उन्हीं ने हंगामा किया। इससे पहले 14 दिसंबर को गोरखपुर के डॉ.कफील छात्रों के धरने को संबोधित कर गए थे। छात्रों को उकसाने के मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई और बाद में रासुका की कार्रवाई हुई। हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिली और पुलिस कार्रवाई को गलत करार दिया गया। इसी बीच बिहार निवासी जेएनयू छात्र शरजिल इमाम का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे बवाल से पहले छात्रों के धरने में देश विरोधी बयान देते पाए गए और उन पर अलीगढ़ में 26 दिसंबर को देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया।
इस घटना के एएमयू कैंपस के अलावा पान वाली कोठी, जमालपुर, सराय रहमान, रसलगंज, सराय सुल्तानी, जीवनगढ़, शाहजमाल आदि इलाकों में जाम, प्रदर्शन, पुलिस पर पथराव व पुलिस से टकराव की घटनाएं कई दिन तक हुईं। शाहीनबाग की तर्ज पर शाहजमाल में महिलाओं ने धरना शुरू किया जो 56 दिन बाद कोरोना लॉकडाउन की आड़ में खत्म कराया जा सका। इस बीच ऊपरकोट पर उपद्रव के बीच बाबरी मंडी के तारिक नाम के युवक की गोली लगने से मौत हुई।