विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: आठ महीनों में 145 लोगों ने दी जान, कुछ को ऐसे बचाया जा सकता था
आत्महत्या की प्रवृत्ति के पीछे अवसाद, चिंता, अकेलापन, वित्तीय समस्याएं और रिश्ते की समस्याएं प्रमुख हैं। इसके अलावा प्रतिस्पर्धा, सामाजिक दबाव और बदलती जीवनशैली भी बड़ा कारण है।

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याद रखें, जिंदगी अनमोल है। इसका कोई विकल्प नहीं। अलीगढ़ जिले में आत्महत्या करने के आठ महीने के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस वर्ष एक जनवरी से 30 अगस्त तक 145 लोगों ने अपनी जान दी है। इन लोगों में से 129 की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच थी। आत्महत्या करने वालों में 82 पुरुष और 63 महिलाएं थीं। यह दर्शाता है कि युवा पीढ़ी जबरदस्त तनाव की चपेट में है।

10 सितंबर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाएगा। यह अवसाद और तनाव से जूझ रहे लोगों के बीच आशा की किरण जगाने का मौका है। आत्महत्या के कारणों को समझने और इसे रोकने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के अध्यक्ष प्रो. शाह आलम कहते हैं कि आत्महत्या की प्रवृत्ति के पीछे अवसाद, चिंता, अकेलापन, वित्तीय समस्याएं और रिश्ते की समस्याएं प्रमुख हैं। इसके अलावा प्रतिस्पर्धा, सामाजिक दबाव और बदलती जीवनशैली भी बड़ा कारण है। डॉ.आलम कहते हैं कि आत्महत्या को रोका जा सकता है। समय पर मदद के साथ, हम कई जिंदगियों को बचा सकते हैं।
आत्महत्या के प्रयास के मामलों में काउंसिलिंग और उपचार से पीड़ित को ठीक किया जा सकता है। घरवालों और शिक्षकों को ऐसे बच्चों पर ध्यान देना होगा, जो गुमसुम व अलग रहते हैं।-डॉ. अंतरा माथुर, मनोचिकित्सक।
इस तरह हो सकती है रोकथाम
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना, जागरूकता अभियान चलाना
- प्रियजनों के व्यवहार में बदलाव पर ध्यान दें, बात करें, भावनात्मक सहारा दें
- परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराना और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना
केस-1
उपचार और काउंसिलिंग से हुई सामान्य
क्वार्सी निवासी एक बालिका जब 15 साल की थी, तब अपनी आंखों के सामने ही दुर्घटना में चाचा की मौत को देखा था। इसके बाद से ही वह असहज थी। 19 साल की उम्र में वह उस घटना को लेकर खुद को जिम्मेदार मानते हुए आत्महत्या का प्रयास करने लगी। करीब एक साल से अधिक उपचार और काउंसलिंग से युवती सामान्य हो सकी है।
केस-2
आईआईटियन पति से झगड़े के बाद हुई सामान्य
शादी के 15 साल हो गए हैं। महिला के आईआईटियन पति के साथ झगड़े के चलते पारिवारिक तालमेल बिगड़ गया। संबंध ज्यादा खराब हुए तो पत्नी अवसाद में चली गई। उसने आत्महत्या का प्रयास किया। अब उपचार और काउंसलिंग के बाद उनकी हालत में सुधार है।