ट्रेनों का परिचालन बेपटरी: भृगु एक्सप्रेस 33 घंटे विलंब से आई, महानंदा हुई निरस्त, 15 दिन में 750 रेल टिकट रद्
पिछले 15 दिनों में दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर 10 से ज्यादा ट्रेनें निरस्त रहीं। 140 से अधिक ट्रेनें देरी से चलीं। इस कारण 750 यात्रियों ने टिकट रद्द कराए, जिससे रेलवे को 3,05,641 रुपये लौटाने पड़े।
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कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी अस्त व्यस्त कर दिया है। सबसे बुरा असर परिवहन पर पड़ा है। 29 दिसंबर को सबसे ज्यादा प्रभावित बलिया से आनंद विहार टर्मिनल जाने वाली भृगु एक्सप्रेस रही, जो अपने निर्धारित समय से 33 घंटे विलंब से अलीगढ़ स्टेशन पर आई। महानंदा एक्सप्रेस को निरस्त करना पड़ा।
29 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 9.4 और अधिकतम 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिनभर कोहरा छाया रहा। लोग ठंड से कांपते रहे। बाजारों में लोगों की आवाजाही कम रही। जरूरी काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले। पिछले 15 दिनों में दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर 10 से ज्यादा ट्रेनें निरस्त रहीं। 140 से अधिक ट्रेनें देरी से चलीं। इस कारण 750 यात्रियों ने टिकट रद्द कराए, जिससे रेलवे को 3,05,641 रुपये लौटाने पड़े। वहीं, यात्रियों की कमी से रोडवेज को भी 15 लाख रुपये का घाटा हुआ है।
ट्रेन शुरुआत से ही लेट थी और रास्ते भर जगह-जगह रोकी गई। सर्द हवाओं के बीच सबसे बुरा हाल बच्चों का रहा, जो भूख और प्यास से बिलखते नजर आए। - राजीव कुशवाह, यात्री
ठंड को देखते हुए सरकारी अस्पतालों के वार्डों में हीटर लगाए गए हैं। तीमारदारों के लिए रैन बसेरों में व्यवस्था की गई है। मरीजों को सब्जी मिक्स दलिया और चाय भी दी जा रही है।- डॉ. एमके माथुर, सीएमएस, डीडी अस्पताल
अत्यधिक कोहरे के कारण दृश्यता कम हो गई है, जिससे सुरक्षा कारणों से ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। ट्रेनों को नियंत्रित गति से चलाया जा रहा है, जिस कारण अपने गंतव्य पर देरी से पहुंच रही हैं।- अमित कुमार सिंह, पीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे
इन प्रमुख ट्रेनों पर पड़ा असर
- 10 घंटे की देरी- स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस और रीवा एक्सप्रेस।
- 07 घंटे की देरी- कैफियात एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस।
- 06 घंटे की देरी - संगम एक्सप्रेस।
- दो से तीन घंटे की देरी- शताब्दी एक्सप्रेस (तीन घंटे), नीलांचल एक्सप्रेस, मऊ-आनंद विहार एक्सप्रेस और टीएडी पैसेंजर ट्रेन (सभी दो घंटे)।
ट्रेन निरस्त होने पर पूरा किराया वापसी का है नियम
- 60 दिन पहले तक टिकट बुक कराने की है सुविधा
- तीन घंटे से ज्यादा लेट होती है, तब भी रेलवे को रिफंड करना होता है
- 2.50 घंटे तक ट्रेन लेट होने पर कंफर्म टिकट निरस्त कराने पर 50 फीसदी मिलता है रिफंड
- 180 रुपये कंफर्म एसी टिकट पर, 120 रुपये स्लीपर पर, 60 रुपये द्वितीय श्रेणी टिकट निरस्त कराने पर होती है कटौती
