Allahabad University : विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र-छात्राओं का निलंबन लिया वापस, आंदोलन खत्म
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंदोलनरत विद्यार्थियों के निलंबन वापस लिए जाने समेत कई अन्य मांगें मान ली हैं। एडीएम सिटी सत्यम मिश्रा की मौजूदगी में हुई बैठक में आंदोलन में शामिल छात्र-छात्राओं के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने का आश्वासन भी दिया गया।
विस्तार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंदोलनरत विद्यार्थियों के निलंबन वापस लिए जाने समेत कई अन्य मांगें मान ली हैं। एडीएम सिटी सत्यम मिश्रा की मौजूदगी में हुई बैठक में आंदोलन में शामिल छात्र-छात्राओं के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने का आश्वासन भी दिया गया।
विश्वविद्यालय परिसर में अराजकता फैलाने समेत कई अन्य आरोपों में चंद्र प्रकाश, संजय, निधि यादव एवं सौम्या को विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया था। इसके विरोध में छात्र कई दिनों से आंदोलनरत थे। बृहस्पतिवार और शुक्रवार को छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी गेट पर प्रदर्शन किया था। दो दिन की छुट्टी के बाद विद्यार्थियों ने सोमवार को फिर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जो बिना रुके मंगलवार को भी जारी रहा। बड़ी संख्या में विद्यार्थी पूरी रात गेट पर डटे रहे। मंगलवार को धरना-प्रदर्शन के दौरान कई छात्र नेता एवं संगठन भी समर्थन में पहुंचे। इसी बीच शाम को चंद्रप्रकाश, सौम्या समेत कुल पांच विद्यार्थियों ने अनशन शुरू कर दिया।
वे विद्यार्थियों का निलंबन वापस लिए जाने, टॉयलेट की सफाई कराने, स्वच्छ पानी की उपलब्धता, लाइब्रेरी में आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं आदि की मांग पर अड़े थे। उनमें चीफ प्रॉक्टर प्रो.राकेश कुमार सिंह के खिलाफ भी नाराजगी रही और वे उन्हें हटाए जाने की मांग कर रहे थे। छात्रों का आंदोलन बढ़ता देख एडीएम सिटी तथा पुलिस के अधिकारी भी विश्वविद्यालय पहुंचे और सभी पक्षों से बात की, जिसमें विद्यार्थियों की ज्यादातर मांगें मान ली गईं। एडीएम सिटी सत्यम मिश्रा ने बताया कि चारों छात्र-छात्राओं का निलंबन वापस ले लिया गया है। इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया। पुलिस एवं विश्वविद्यालय प्रशासन पांच दिनों तक चले आंदोलन में शामिल विद्यार्थियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
शुद्ध पेयजल, लाइब्रेरी में पुस्तकें मंगाने, टॉयलेट की सफाई व मरम्मतीकरण समेत सुविधाओं से जुड़ीं अन्य मांगें भी मान ली गईं। साथ ही आश्वासन दिया गया कि पांच दिनों में प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। छात्रों की इन मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। कार्यवाहक चीफ प्रॉक्टर प्रो.केएन उत्तम व पुलिस फोर्स की मौजूदगी में डीएसडब्ल्यू प्रो. एनके शुक्ला ने लिखित आश्वासन दिया।
आंदोलनकारी छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ भी ज्ञापन सौंपा। इसके साथ अन्य मामलों में सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया। शिकायतों की सुनवाई में रजिस्ट्रार एवं ग्रीवांस सेल की मौजूदगी रही।उधर, निलंबन वापस लिए जाने का आदेश जारी होने तथा अन्य मांगों पर सकारात्मक रुख के बाद छात्रों ने आंदोलन समाप्त कर दिया लेकिन चीफ प्रॉक्टर के मुद्दे पर उनकी नाराजगी बनी रही। उनका कहना था कि चीफ प्राॅक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे।
प्रो.उत्तम अचानक बनाए गए कार्यवाहक चीफ प्रॉक्टर
आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं में चीफ प्रॉक्टर प्रो.राकेश कुमार सिंह के खिलाफ ज्यादा नाराजगी रही। ऐसे में मंगलवार को प्रो. कैलाश नाथ उत्तम को बुलाया गया और कार्यवाहक चीफ प्रॉक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रो़ उत्तम की मौजूदगी में विद्यार्थियों से वार्ता की गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के निलंबन वापस लेने की मांग मान ली है। अन्य मांगों पर भी छात्र हित में विचार करने और उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। -प्रो.जया कपूर, जनसंपर्क अधिकारी- इलाहाबाद विश्वविद्यालय
छात्र पंचायत पांच को
प्रतियोगियों एवं विद्यार्थियों की ओर से पांच दिसंबर को छात्र पंचायत की घोषणा की गई है। छात्रसंघ भवन के सामने प्रस्तावित पंचायत में भर्ती परीक्षाओं के अलावा विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दे भी उठाए जाएंगे। छात्रोें का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानी तो पंचायत में बड़े आंदोलन की घोषणा भी की जा सकती है।