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Prayagraj: कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर अपने ही थाने में थाना प्रभारी पर FIR दर्ज, पढ़ें पूरा मामला

अमर उजाला ब्यूरो, प्रयागराज Published by: आकाश दुबे Updated Tue, 25 Nov 2025 09:29 PM IST
सार

बीते वर्ष कैंट निवासी दिनेश चंद्र गौतम ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में अर्जी दी थी। इसमें एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। कोर्ट ने अपराध के संज्ञेय प्रकृति का होने के आधार पर अर्जी मंजूर की और 21 सितंबर 2024 को एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का आदेश जारी किया।

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FIR registered against station incharge in his own police station for not obeying court order
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट के आदेश पर कैंट थाना प्रभारी सुनील कुमार कनौजिया पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोप है कि कोर्ट के आदेश के 14 माह बाद भी उन्होंने एफआईआर दर्ज नहीं की। वर्तमान में वह कैंट थाना में ही तैनात हैं।

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बीते वर्ष कैंट निवासी दिनेश चंद्र गौतम ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में अर्जी दी थी। इसमें एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। कोर्ट ने अपराध के संज्ञेय प्रकृति का होने के आधार पर अर्जी मंजूर की और 21 सितंबर 2024 को एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का आदेश जारी किया।

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कैंट थाने के पैरोकार ने एक अक्तूबर 2024 को आदेश की प्रति प्राप्त की। इसमें कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि एफआईआर की कॉपी दो दिन में पेश की जाए। आरोप है कि बावजूद इसके कोर्ट में एफआईआर की कॉपी पेश नहीं की गई।

बताएं कि एफआईआर दर्ज हुई कि नहीं...
प्राथमिकी के मुताबिक, इस वर्ष 23 सितंबर को वादी दिनेश चंद्र ने फिर से कोर्ट में गुहार लगाई। इसमें बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। कोर्ट ने थाना कैंट से रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। कहा कि 18 अक्तूबर तक स्पष्ट रूप से बताएं कि एफआईआर दर्ज की गई या नहीं। इसके बावजूद तय कोर्ट को आख्या प्राप्त नहीं हुई। अगली तारीख चार नवंबर तय की गई लेकिन थाने से रिपोर्ट नहीं मिली। कोर्ट ने कहा कि थानाध्यक्ष का यह कृत्य न केवल न्यायालय के आदेश की अवमानना है बल्कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।

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