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UPPSC News : प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन के आगे झुका आयोग, एक दिन में कराई जाएगी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 14 Nov 2024 04:11 PM IST
सार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) छात्रों के आंदोलन के आगे झुक गया है। आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। इसके लिए छात्र चार दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। फिलहाल पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने की मांग मानी गई है। आरओ-एआरओ पर फैसला कमेटी के रिपोर्ट के बाद होगा। 

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UPPSC Big News: Commission bowed to the demand of competitive students, demand of one day one shift can be acc
यूपीपीएससी पर धरना प्रदर्शन करते छात्र। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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चार दिनों से आंदोलन पर बैठे छात्रों का बृहस्पतिवार को पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ गुस्सा भड़का तो उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पीछे हटना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयोग के सचिव को आंदोलनकारी छात्रों के बीच आकर घोषणा करनी पड़ी कि पीसीएस परीक्षा पूर्व की भांति एक दिन में कराई जाएगी। वहीं, आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति गठित कर दी गई है।

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भारी शोर-शराबे के बीच सचिव की इस घोषणा से कई छात्रों के चेहरे पर खुशी झलक पड़ी तो ज्यादातर इससे असंतुष्ट दिखे। छात्र अड़े हैं कि आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी पूर्व की भांति एक ही दिन में कराए जाने का नोटिस जारी किया जाए। वहीं, सचिव अशोक कुमार ने छात्रों को समझाया कि एक दिन की परीक्षा कराने पर विचार करने के उद्देश्य से ही कमेटी का गठन किया गया है।
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फिलहाल, आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को लेकर छात्रों और आयोग के बीच गतिरोध बना हुआ है। आयोग ने पीसीएस व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा की तिथि को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इससे पहले पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात व आठ दिसंबर और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को प्रस्तावित थी।














आयोग के अनुसचिव ओंकार नाथ सिंह के अनुसार आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 के तहत चयन प्रक्रिया को पारदर्शी, गुणधर्मिता व शुचितापूर्ण ढंग से संपन्न कराए जाने के उद्देश्य से सभी तथ्यों का समेकित अनुसंधान एवं विश्लेषण के लिए आयोग ने समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अतिशीघ्र अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

आयोग के इस निर्णय से पहले बृहस्पतिवार सुबह 7.30 बजे के आसपास पुलिस ने धरना स्थल से कई अभ्यर्थियों को उठा लिया। पुलिस की कार्रवाई में कई छात्राओं को चोटें आईं। आयोग की ओर से जाने वाले हर रास्ते पर दोहरी बेरिकेडिंग कर दी गई लेकिन गुस्साए छात्रों के आगे पुलिस की एक नहीं चली और हजारों छात्र बैरिकेडिंग तोड़कर आयोग के गेट नंबर-दो तक पहुंच गए, जिसके बाद मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर आयोग को दो दिन की परीक्षा कराने का अपना फैसला वापस लेना पड़ा।

आयोग के पास इसके अलावा नहीं था कोई रास्ता

छात्रों की मांग मानने के अलावा आयोग के पास कोई रास्ता नहीं था। छात्र एक ही मांग पर अड़े थे कि परीक्षा एक दिन एक ही शिफ्ट में कराई जाए। मांग मानने के बावजूद आयोग ने अभी तक नोटिस जारी नहीं किया है। छात्रों को नोटिस का इंतजार है। आयोग के सचिव के अनुसार पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराई जाएगी, जबकि आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के संबंध में कमेटी अगला निर्णय लेगी। 

फिलहाल धरना नहीं हुआ है स्थगित

सचिव की घोषणा के बाद भी प्रतियोगी छात्रों का धरना खत्म नहीं हुआ है। छात्र आरओ-एआरओ परीक्षा एक दिन में कराने और पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने का नोटिस जारी करने की मांग पर अड़े हैं। 

सोमवार से शुरू हुआ था आंदोलन

पीसीएस और आरओ-एआरओ परीक्षा दो-दो दिन में कराने के आयोग की घोषणा के बाद सोमवार से छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। सोशल मीडिया साइट्स एक्स पर चलाए गए कैंपेन में करीब ढाई लाख छात्र शामिल हुए थे और यह एक्स पर एक नंबर पर ट्रेंड करता रहा। 
 

पहली बार दो दिन में कराई जा रही थीं परीक्षाएं

आयोग के इतिहास में पीसीएस और आरओ-एआरओ की परीक्षा पहली बार दो दिन में कराने का शेड्यूल जारी किया गया था। इससे पहले पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक ही दिन में करा ली जाती थीं और परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी अभ्यर्थी एक ही शिफ्ट में परीक्षा देते थे। ऐसे में एक समान मूल्यांकन की अलग से कोई जरूरत ही नहीं पड़ती थी। पहली बार परीक्षाएं दो दिन में होंगी, इसके कारण आयोग को नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ी।






पीसीएस में 1575154 और आरओ-एआरओ में 1076004 अभ्यर्थी हैं पंजीकृत

पीसीएस परीक्षा के लिए 5,75,154 अभ्यर्थी और आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए 10,76,004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। शासन की ओर से 19 जून 2024 को आदेश जारी किया गया था कि एक पाली में अधिकतम पांच लाख अभ्यर्थी हों। इससे अधिक परीक्षार्थी होने पर कई पालियों में परीक्षा कराई जाए। पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। 

सीएम योगी की पहल पर आयोग का फैसला, एक ही दिन होगी पीसीएस परीक्षा 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों को राहत मिली है।

छात्रों के हित में सीएम योगी की पहल

पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।

आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन

मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।

चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान

आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।

छात्रों को मिलेगा फायदा

इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस त्वरित निर्णय की सराहना कर रहे हैं।

पीसीएस परीक्षा के लिए शहर में ही केंद्र बनाने की अनिवार्यता खत्म

प्रदेश सरकार ने पीसीएस परीक्षा के अभ्यर्थियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस परीक्षा के लिए केंद्र बनाने के मानक में संशोधन किया है। पीसीएस परीक्षा के लिए शहर में ही परीक्षा केंद्र बनाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व कोषागार की दूरी 10 किलोमीटर होने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है। किंतु यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा केंद्र मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थाओं में ही बनाए जाएं।

प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम देवराज ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। साथ ही सभी आयोगों और बोर्ड अध्यक्षों को इसकी सूचना दी है। प्रमुख सचिव ने शासनादेश में कहा है कि 19 जून, 2024 को जारी दिशा-निर्देश में परीक्षा केंद्रों के चयन के लिए तय मानकों में ढील दी जा रही है।

प्रदेश के विभिन्न भर्ती आयोग व चयन बोर्ड की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और शुचितापूर्ण ढंग से कराए जाने के लिए 19 जून, 2024 को जारी दिशा-निर्देशों के बिंदु संख्या 4.2 और 5.1 के अनुसार, परीक्षार्थियों की सुविधाओं को देखते हुए परीक्षा केंद्र बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर ही बनाने की अनिवार्यता थी। साथ ही परीक्षा केंद्र का चयन यथासंभव शहरी क्षेत्र में ही करने को गया था। जरूरत पड़ने पर परीक्षा केंद्र का चयन शहरी क्षेत्र के 10 किलोमीटर व्यास मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थाओं में करने का निर्देश दिया गया था।

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