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High Court : बिना उचित कारण जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द करना आर्थिक मृत्यु के समान, हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Wed, 26 Nov 2025 03:33 PM IST
सार

जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द करना किसी भी व्यवसाय के लिए आर्थिक मृत्यु के समान है। बिना ठोस और पर्याप्त कारण बताए व्यापार का जीएसटी रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया जा सकता।

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Cancelling GST registration without valid reason is tantamount to economic death, High Court's harsh comment
अदालत(सांकेतिक) - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द करना किसी भी व्यवसाय के लिए आर्थिक मृत्यु के समान है। बिना ठोस और पर्याप्त कारण बताए व्यापार का जीएसटी रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने भदोही स्थित फर्म अनिल आर्ट एंड क्राफ्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। जीएसटी अधिकारी ने बिना उचित कारण बताए कार्रवाई की थी। न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने विभागीय आदेश को रद्द कर दिया।

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अनिल आर्ट एंड क्राफ्ट के जीएसटी रजिस्ट्रेशन को सहायक आयुक्त राज्य कर, भदोही ने 15 अक्तूबर 2025 के आदेश से रद्द कर दिया था। फर्म पर बोगस फर्म से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने का आरोप लगाया गया। फर्म ने विस्तृत जवाब में बताया कि इस मामले में जांच चल रही है और वह सहयोग कर रही है। इसके बाद भी अधिकारी ने सिर्फ इस आधार पर रजिस्ट्रेशन को रद्द रखा कि जवाब संतोषजनक नहीं है। इस आदेश को याची फर्म ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
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याची अधिवक्ता ने दलील दी कि उपायुक्त का आदेश अतार्किक है। प्रक्रियात्मक कानून का पालन नहीं किया गया है। कर चोरी के आरोपों पर चल रही जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती, रजिस्ट्रेशन रद्द करना अनुचित है। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद कहा कि आदेश गैर तर्कसंगत और बिना कारण वाला है। इसके साथ ही जीएसटी अधिकारी के विवादित आदेश को रद्द कर दिया गया।

भविष्य में ऐसी गलती न दोहराएं

हाईकोर्ट ने जीएसटी आयुक्त को निर्देश दिया कि मामले को कानून की अच्छी समझ रखने वाले अधिकारी को स्थानांतरित किया जाए। आयुक्त सभी जीएसटी अधिकारियों के लिए 15 दिनों के भीतर एक सर्कुलर जारी करें। भविष्य में इस तरह के बिना कारण वाले आदेश न दोहराए जाएं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान सुनिश्चित किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि पिछले एक महीने से अधिक समय से ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें बिना उचित अवसर दिए या बिना कारण बताए रजिस्ट्रेशन रद्द किए जा रहे हैं। अदालत ने जोर देकर कहा कि नोटिस को उचित समय देना और सुनवाई का मौका देना अनिवार्य है।

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