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High Court : हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा बरकरार, हाईकोर्ट ने खारिज की अपील
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 26 Nov 2025 04:43 PM IST
सार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इटावा के भरथना थाना क्षेत्र निवासी गोविंद की हत्या मामले में अशोक कुमार, रामदास व गोरे की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।
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अदालत का फैसला।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इटावा के भरथना थाना क्षेत्र निवासी गोविंद की हत्या मामले में अशोक कुमार, रामदास व गोरे की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। अपील को गुणहीन मानते हुए खारिज कर दिया। न्यायालय ने जमानत पर चल रहे अभियुक्तों को तत्काल आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह व न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने दिया है।
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इटावा के भरथना थाना में 1983 को रामस्वरूप दुबे ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि अशोक अपने दो सहयोगियों के साथ उसके घर आया। बेटे गोविंद से ईंट भट्ठे से ईंटें ढोने के लिए उसके ट्रैक्टर-ट्रॉली को किराए पर लेने की बात तय की। गोविंद अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली पर ईंटें लादने के लिए आरोपियों के साथ चला गया। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। तलाश करने पर उसकी लाश जिला मैनपुरी के थाना कुर्रा क्षेत्र में नहर में मिली।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार गोविंद की मृत्यु गला घोंटने के कारण हुई थी। आरोपियों ने गोविंद के ट्रैक्टर-ट्राली को बेच दिया था। ट्रैक्टर पर लदी ईटें आरोपी रामदास के घर से बरामद हुईं थीं। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 1996 में अशोक कुमार, गोरे उर्फ उजागर सिंह और रामदास को हत्या, साक्ष्य छिपाना और चोरी की संपत्ति का गबन के तहत दोषी पाया था और सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।