{"_id":"691f7349cebc4fc306089019","slug":"crops-in-danger-due-to-pest-attack-after-natural-disaster-ballia-news-c-190-1-bal1002-152457-2025-11-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ballia News: प्राकृतिक आपदा के बाद कीट प्रकोप से फसलों पर संकट","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Ballia News: प्राकृतिक आपदा के बाद कीट प्रकोप से फसलों पर संकट
विज्ञापन
विज्ञापन
हल्दी। मोंथा चक्रवाती तूफान से क्षेत्र के हजारों एकड़ फसलें बर्बाद होने के बाद किसान अब एक नई परेशानी से जूझ रहे हैं। खेतों में आई बरसात का पानी सूखने पर किसानों ने मेहनत कर दोबारा बुआई की, लेकिन इस बार प्रकृति ने कीट प्रकोप के रूप में नई मार किसानों पर पड़ने लगी है।
पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में मटर की फसल पर एक विशेष प्रकार का कीट हमला कर रहा है, जो रातों-रात पौधों को चट कर जाता है। किसानों का कहना है कि सुबह जब वे खेत पहुंचते हैं, तो कई जगहों पर पौधे पूरी तरह गायब मिलते हैं। यह स्थिति किसानों में भारी चिंता का विषय बन गई है।
समरथपाह, बेलहरी, परसिया, हल्दी , भरसौता,नीरुपुर,पिन्डारी,पुरास,बसुधरपाह सहित आसपास के गांवों के किसान बताते हैं कि पहले मोथा तूफान ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया, और अब कीटों ने बची-खुची उम्मीद भी तोड़नी शुरू कर दी है। कीट नियंत्रण के लिए किसान स्थानीय कृषि विभाग से मदद की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते प्रभावी दवा का छिड़काव और वैज्ञानिक सलाह नहीं दी गई, तो मटर के साथ-साथ गेहूं, मसूर और अन्य तिलहन फसलों पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
दूसरी तरफ कृषि विभाग ने किसानों को आश्वासन दिया है कि कीट नियंत्रण के लिए टीमों को गाँवों में भेजा जा रहा है और जल्द ही आवश्यक दवाएं एवं तकनीकी सलाह उपलब्ध कराई जाएगी।
किसानों को उम्मीद है कि समय रहते सहायता मिल जाए, तो उनकी मेहनत और फसल दोनों बच सकती है।नीरुपुर के हरिशंकर तिवारी, पृथ्वी तिवारी, गौरी तिवारी, विजय शंकर तिवारी, आनंद तिवारी, रामपत तिवारी, अशोक यादव,पिन्डारी ,कन्हैया यादव का काफी नुकसान हो चुका हैं।
Trending Videos
पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में मटर की फसल पर एक विशेष प्रकार का कीट हमला कर रहा है, जो रातों-रात पौधों को चट कर जाता है। किसानों का कहना है कि सुबह जब वे खेत पहुंचते हैं, तो कई जगहों पर पौधे पूरी तरह गायब मिलते हैं। यह स्थिति किसानों में भारी चिंता का विषय बन गई है।
विज्ञापन
विज्ञापन
समरथपाह, बेलहरी, परसिया, हल्दी , भरसौता,नीरुपुर,पिन्डारी,पुरास,बसुधरपाह सहित आसपास के गांवों के किसान बताते हैं कि पहले मोथा तूफान ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया, और अब कीटों ने बची-खुची उम्मीद भी तोड़नी शुरू कर दी है। कीट नियंत्रण के लिए किसान स्थानीय कृषि विभाग से मदद की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते प्रभावी दवा का छिड़काव और वैज्ञानिक सलाह नहीं दी गई, तो मटर के साथ-साथ गेहूं, मसूर और अन्य तिलहन फसलों पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
दूसरी तरफ कृषि विभाग ने किसानों को आश्वासन दिया है कि कीट नियंत्रण के लिए टीमों को गाँवों में भेजा जा रहा है और जल्द ही आवश्यक दवाएं एवं तकनीकी सलाह उपलब्ध कराई जाएगी।
किसानों को उम्मीद है कि समय रहते सहायता मिल जाए, तो उनकी मेहनत और फसल दोनों बच सकती है।नीरुपुर के हरिशंकर तिवारी, पृथ्वी तिवारी, गौरी तिवारी, विजय शंकर तिवारी, आनंद तिवारी, रामपत तिवारी, अशोक यादव,पिन्डारी ,कन्हैया यादव का काफी नुकसान हो चुका हैं।