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Basti News: बारिश ने लिया आस्था का इम्तिहान पर नहीं डिगे श्रद्धालु
संवाद न्यूज एजेंसी, बस्ती
Updated Wed, 29 Oct 2025 02:41 AM IST
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बहादुरपुर के मरवटिया में बारिश के बीच छाता लगाकर अर्ध्य देती श्रद्धालु- संवाद
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बस्ती। छठ महापर्व पर मंगलवार तड़के श्रद्धा और विश्वास की मिसाल देखने को मिली। सोमवार रात से ही मौसम ने करवट ले ली थी। मंगलवार की भोर होते-होते आसमान में घने बादल छा गए और कई जगह हल्की बारिश शुरू हो गई। इसके बावजूद श्रद्धालुओं ने पूरी आस्था और विधि-विधान से व्रत पूरा किया। महिलाएं भीगते हुए घाटों पर पहुंचीं और छाता, तिरपाल व प्लास्टिक शीट के नीचे से सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया।
शहर के अमहट घाट, निर्मली कुंड, चंद्रनगर मथौली पोखरे, हर्रैया, रुधौली, वाल्टरगंज, बांसी मार्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्थायी घाटों पर व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं की भीड़ रही। प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों की ओर से सुरक्षा, प्रकाश और सफाई की व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल ने घाटों के आसपास निगरानी बनाए रखी, जबकि नगर पालिका व नगर पंचायत की टीम पानी निकासी और साफ-सफाई में सक्रिय रही।
कहीं-कहीं बिजली गुल होने पर श्रद्धालुओं ने दीपक और मोबाइल की रोशनी में पूजा पूरी की। भगवान भास्कर बादलों में छिपे रहे, इसलिए व्रतियों ने निर्धारित समय सुबह 6:28 बजे सूर्योदय मानकर अर्घ्य दिया और व्रत पूर्ण किया। ठंडी हवा और फुहारों के बीच आस्था का यह दृश्य प्रेरणादायक रहा। पूजा के बाद व्रतियों ने प्रसाद वितरण कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
उधर, मौसम के बदरंग होने से किसान हैरान हैं। कई किसानों की फसल अभी कटकर खेत में सूखने के लिए छोड़ी गई थी, जो कि भीग गई।
प्रतापपुर के किसान इंद्रजीत सिंह बताते हैं कि धान कटवाकर अनाज बाहर सूखने के लिए रखे थे। सुबह नींद खुली तो बाहर देखा कि सब भीग गया है। सल्टौआ के किसान आसमान चौधरी बताते हैं कि इस बारिश का नुकसान कम और फायदा ज्यादा है। इससे रबी की बुआई के लिए नमी मिल गई है।
शहर के अमहट घाट, निर्मली कुंड, चंद्रनगर मथौली पोखरे, हर्रैया, रुधौली, वाल्टरगंज, बांसी मार्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्थायी घाटों पर व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं की भीड़ रही। प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों की ओर से सुरक्षा, प्रकाश और सफाई की व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल ने घाटों के आसपास निगरानी बनाए रखी, जबकि नगर पालिका व नगर पंचायत की टीम पानी निकासी और साफ-सफाई में सक्रिय रही।
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कहीं-कहीं बिजली गुल होने पर श्रद्धालुओं ने दीपक और मोबाइल की रोशनी में पूजा पूरी की। भगवान भास्कर बादलों में छिपे रहे, इसलिए व्रतियों ने निर्धारित समय सुबह 6:28 बजे सूर्योदय मानकर अर्घ्य दिया और व्रत पूर्ण किया। ठंडी हवा और फुहारों के बीच आस्था का यह दृश्य प्रेरणादायक रहा। पूजा के बाद व्रतियों ने प्रसाद वितरण कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
उधर, मौसम के बदरंग होने से किसान हैरान हैं। कई किसानों की फसल अभी कटकर खेत में सूखने के लिए छोड़ी गई थी, जो कि भीग गई।
प्रतापपुर के किसान इंद्रजीत सिंह बताते हैं कि धान कटवाकर अनाज बाहर सूखने के लिए रखे थे। सुबह नींद खुली तो बाहर देखा कि सब भीग गया है। सल्टौआ के किसान आसमान चौधरी बताते हैं कि इस बारिश का नुकसान कम और फायदा ज्यादा है। इससे रबी की बुआई के लिए नमी मिल गई है।

बहादुरपुर के मरवटिया में बारिश के बीच छाता लगाकर अर्ध्य देती श्रद्धालु- संवाद