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Budaun News: ई-रिक्शा की बढ़ी मांग, कारोबार में आई तेजी
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Fri, 28 Nov 2025 01:31 AM IST
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शोरूम में खड़ा ई-रिक्शा। संवाद
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बदायूं। जिले में ई-रिक्शा की लगातार डिमांड बढ़ रही है। इससे व्यापारियों का कारोबार भी बढ़ रहा है और लोगों को परिवार चलाने का एक साधन भी मिल रहा है।
महंगाई के दौर में कम लागत में दैनिक आय का बेहतर साधन ई-रिक्शा बन गया है। इससे बुग्गी-तांगा चलाने वाले लोग भी अब ई-रिक्शा खरीदकर अपने परिवार बेहतर कर रहे हैं। यही वजह है कि ई-रिक्शे का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। अलग-अलग कंपनियों के शहर में लगभग पांच शोरूम इसी महीने खुले हैं। जबकि इससे पहले भी छह शोरूम संचालित हो रहे हैं। कारोबारी सुधीर गुप्ता ने बताया कि मांग बढ़ने से कारोबार चमका है।
शहर में निजी फाइनेंस से लेकर अन्य फाइनेंस उपलब्ध हैं जो ई-रिक्शा पर 80 फीसदी तक फाइनेंस कर रहे हैं। 20 फीसदी डाउनपेमंट जमा कर लोग खरीद कर रहे हैं। इससे मध्यम वर्ग के लोग भी खरीदकर अपनी आय बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
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80 हजार से दो लाख तक कीमत में उपलब्ध
ई-रिक्शा 80 हजार से दो लाख रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं। इससे रिक्शा चलाने वाले लोग भी अब ई-रिक्शा चलाते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही घोड़ा बुग्गी से परिवार चलाने वाले लोगों को भी अच्छा विकल्प मिल गया है। जो लोग रोजगार के लिए मजदूरी करते थे अब उन लोगों का रुझान भी इस ओर बढ़ रहा है। यही वजह है कि लगातार ई-रिक्शा की मांग बढ़ रही है। वहीं, बिना डीजल-पेट्रोल खर्च किए ही ई-रिक्शा मात्र बैटरी के सहारे शहर से लेकर देहात तक दौड़ लगा रहे हैं।
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ई-रिक्शा का भी कराया जा रहा रजिस्ट्र्रेशन
ई-रिक्शा पहले तो बिना रजिस्ट्रेशन के ही दौड़ लगाते थे, लेकिन बढ़ते हादसाें को लेकर इसके पंजीकरण को भी अनिवार्य कर दिया गया है। चालकों को लाइसेंस भी बनवाना होता है। बिना लाइंसेस के भी अब ई-रिक्शा नहीं चलाया जा सकता है। इससे राजस्व भी बढ़ रहा है।
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महंगाई के दौर में कम लागत में दैनिक आय का बेहतर साधन ई-रिक्शा बन गया है। इससे बुग्गी-तांगा चलाने वाले लोग भी अब ई-रिक्शा खरीदकर अपने परिवार बेहतर कर रहे हैं। यही वजह है कि ई-रिक्शे का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। अलग-अलग कंपनियों के शहर में लगभग पांच शोरूम इसी महीने खुले हैं। जबकि इससे पहले भी छह शोरूम संचालित हो रहे हैं। कारोबारी सुधीर गुप्ता ने बताया कि मांग बढ़ने से कारोबार चमका है।
शहर में निजी फाइनेंस से लेकर अन्य फाइनेंस उपलब्ध हैं जो ई-रिक्शा पर 80 फीसदी तक फाइनेंस कर रहे हैं। 20 फीसदी डाउनपेमंट जमा कर लोग खरीद कर रहे हैं। इससे मध्यम वर्ग के लोग भी खरीदकर अपनी आय बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
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80 हजार से दो लाख तक कीमत में उपलब्ध
ई-रिक्शा 80 हजार से दो लाख रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं। इससे रिक्शा चलाने वाले लोग भी अब ई-रिक्शा चलाते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही घोड़ा बुग्गी से परिवार चलाने वाले लोगों को भी अच्छा विकल्प मिल गया है। जो लोग रोजगार के लिए मजदूरी करते थे अब उन लोगों का रुझान भी इस ओर बढ़ रहा है। यही वजह है कि लगातार ई-रिक्शा की मांग बढ़ रही है। वहीं, बिना डीजल-पेट्रोल खर्च किए ही ई-रिक्शा मात्र बैटरी के सहारे शहर से लेकर देहात तक दौड़ लगा रहे हैं।
ई-रिक्शा का भी कराया जा रहा रजिस्ट्र्रेशन
ई-रिक्शा पहले तो बिना रजिस्ट्रेशन के ही दौड़ लगाते थे, लेकिन बढ़ते हादसाें को लेकर इसके पंजीकरण को भी अनिवार्य कर दिया गया है। चालकों को लाइसेंस भी बनवाना होता है। बिना लाइंसेस के भी अब ई-रिक्शा नहीं चलाया जा सकता है। इससे राजस्व भी बढ़ रहा है।