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Budaun News: महिलाओं को मालकिन बनाने से बच रहे पुरुष, पांच साल से घटे आंकड़े

संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं Updated Fri, 28 Nov 2025 01:33 AM IST
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Men are avoiding making women their mistresses, figures have decreased in the last five years.
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बदायूं। महिलाओं को जमीन, मकान व दुकानों को मालिकाना हक देने में पुरुष बच रहे हैं। वर्ष 2021 में 19,141 महिलाओं के नाम बैनामे हुए थे। इसके बाद से अब तक संख्या नहीं बढ़ सकी है। यह हाल तब है जब महिलाओं के नाम संपत्ति खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में एक फीसदी की छूट सरकार ने दी है।
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स्टांप व निबंध विभाग ने महिलाओं की भागीदारी संपत्ति में बढ़ाने के लिए एक फीसदी की स्टांप छूट दी है। इसके बाद भी बढ़ोतरी नहीं हाे पा रही है। विभाग के आंकड़े बयां कर रहे हैं कि पांच साल से महिलाओं के नाम बैनामों की संख्या नहीं बढ़ी है। देखने में आया है कि वर्ष 2021 में महिलाओं के नाम सबसे अधिक बैनामे 19,141 हुए तो पुरुषों के नाम 26, 475 हुए। वर्ष 2022 में महिलाओं के बैनामे घटकर 17,211 पर पहुंच गए, जबकि पुरुषों ने 34,142 बैनामे कराए। वर्ष 2023 में महिलाएं और पिछड़ गईं आंकड़ा घटकर 15,948 रह गया। जबकि पुरुषों ने 30,214 बैनामे अपने नाम कराए। वर्ष 2024 की बात करें तो महिलाओं के नाम 17,103 और पुरुषों के नाम 31,523 बैनामे हुए। इस वर्ष अक्तूबर तक जिले में महिलाओं के नाम से 14,724 बैनामे ही हुए हैं। संवाद
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पुरुषों काे मानसिकता बदलने की जरूरत
राजकीय महाविद्यालय के समाजशास्त्र प्रो.सतीश सिंह यादव ने बताया कि पुरुष आज भी पुरानी मानसिकता के शिकार हैं। उन्हें अपनी मानसिकता को बदलकर दाम्पत्य जीवन में विश्वास स्थापित करना चाहिए। पुरुष समाज में उठ रहीं तमाम अफवाहों को लेकर भी महिलाओं के नाम संपत्ति करने से बच रहे हैं। पुरुष सोचता है कि संपत्ति उसके नाम होगी तो बुढ़ापे तक पत्नी व बच्चे साथ देंगे।
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नीले ड्रम की घटनाओं ने डाला प्रतिकूल असर
दास कॉलेज के समाजशास्त्र के प्रो. संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर नीले ड्रम की घटनाएं इस तरह से समाज में फैली कि पति अपनी ही पत्नी पर शक करने लये। ऐसा नहीं है कि हर महिला व हर पुरुष एक जैसे हों। समाज में बढ़ रहीं घटनाओं से महिलाओं व पुरुषों के बीच भरोसा कम हुआ है। भरोसे काे बढ़ाने की आवश्यकता है। यह वहीं देखने को मिल रहा है जहां शिक्षा का अभाव है। पढ़े-लिखे लोगों में इस तरह की बात नहीं मिलती।
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कोट,
जमीन खरीद करने वाला जिसके नाम से रजिस्ट्री कराता है, विभाग तो उसके नाम से ही रजिस्ट्री करने का काम कर रहा है। शासन ने जो छूट महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कराने पर दी है, उसका उसका लाभ लेना चाहिए। -सीपी मौर्या,एआईजी स्टांप बदायूं
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