{"_id":"691f723ba08134bcca0fb0cf","slug":"a-young-man-who-went-to-dubai-to-earn-money-died-in-a-road-accident-just-four-days-later-chandauli-news-c-189-1-svns1011-139538-2025-11-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Chandauli News: दुबई कमाने गए युवक की चार दिन बाद ही सड़क दुर्घटना में मौत","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chandauli News: दुबई कमाने गए युवक की चार दिन बाद ही सड़क दुर्घटना में मौत
विज्ञापन
विज्ञापन
धानापुर। क्षेत्र के नरौली गांव में बृहस्पतिवार को उस समय मातम छा गया जब दुबई में सड़क दुर्घटना में मृत बलजीत निषाद (23) का शव गांव पहुंचा। घर के दरवाजे पर जैसे ही एंबुलेंस रुकी, परिजनों के रोने-बिलखने की आवाज से पूरा माहौल गमगीन हो उठा। गरीब परिवार के युवक की मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
नरौली गांव निवासी रामबली निषाद का पुत्र बलजीत 11 नवंबर को दुबई रोजगार के लिए गया था। दुबई पहुंचने के मात्र चार दिन बाद 14 नवंबर को वह दुबई में एक भीषण सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। हादसे की जानकारी गांव में पहुंचते ही परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बलजीत दो भाइयों में सबसे बड़ा था। घर की ज़िम्मेदारियां उसी पर थीं इसलिए वह दुबई काम करने गया था।
शव के गांव पहुंचने के बाद मातम पसर गया। परिजन बार-बार यही कहकर विलाप कर रहे थे कि जो बेटा घर की गरीबी मिटाने निकला था, वही आज लाश बनकर लौट आया। पुत्र का शव देखकर उसके मां की हालत बेहद खराब हो गई थी। पिता को भी संभालना मुश्किल हो रहा था। परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम थीं। गांव के लोग बताते हैं कि बलजीत सीधा-सादा और मेहनती युवक था।
Trending Videos
नरौली गांव निवासी रामबली निषाद का पुत्र बलजीत 11 नवंबर को दुबई रोजगार के लिए गया था। दुबई पहुंचने के मात्र चार दिन बाद 14 नवंबर को वह दुबई में एक भीषण सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। हादसे की जानकारी गांव में पहुंचते ही परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बलजीत दो भाइयों में सबसे बड़ा था। घर की ज़िम्मेदारियां उसी पर थीं इसलिए वह दुबई काम करने गया था।
विज्ञापन
विज्ञापन
शव के गांव पहुंचने के बाद मातम पसर गया। परिजन बार-बार यही कहकर विलाप कर रहे थे कि जो बेटा घर की गरीबी मिटाने निकला था, वही आज लाश बनकर लौट आया। पुत्र का शव देखकर उसके मां की हालत बेहद खराब हो गई थी। पिता को भी संभालना मुश्किल हो रहा था। परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम थीं। गांव के लोग बताते हैं कि बलजीत सीधा-सादा और मेहनती युवक था।