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Fatehpur News: कोर्ट ने माना जॉब कार्ड से प्रधान को नहीं मिलेगा सीधा लाभ
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फतेहपुर। सरकंडी ग्राम सभा में वित्तीय अनियमितताओं और साजिश के आरोपी प्रधान पुष्पा देवी को जिला जज की अदालत ने बुधवार शाम जमानत दे दी। प्रधान के खिलाफ पुलिस ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सकी।
इस पर कोर्ट ने माना कि जॉब कार्ड से प्रधान को सीधा लाभ नहीं मिलेगा। जमानत 50-50 हजार रुपये के बंधक पत्र पर मिली। इससे पहले प्रधान को करीब चार दिन जेल में रहना पड़ा था। बुधवार देर शाम प्रधान को जेल से रिहा कर दिया गया।
जांच वर्ष 2023-24 के सरकंडी ग्रामसभा में मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत 50 से 60 लाख रुपये के घोटाले को लेकर अगस्त से चल रही थी। बीडीओ राहुल मिश्रा ने दो सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। विवेचना के क्रम में सीओ थरियांव वीर सिंह ने प्रधान पुष्पा देवी का नाम उजागर किया और 20 दिसंबर की रात उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
कोर्ट में वादी पक्ष ने तर्क रखा कि जॉब कार्ड का भुगतान सीधे खाताधारक को होता है इसलिए प्रधान को इससे कोई सीधा लाभ नहीं हुआ। उन्होंने बाईपास सर्जरी और राजनीतिक रंजिश का हवाला भी दिया। पुलिस पांच माह से लंबित विवेचना में ठोस साक्ष्य संकलित नहीं कर पाई।
इन तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर की। प्रकरण में जेई नरेंद्र गुप्ता समेत ब्लॉक के कई अधिकारी और कर्मचारी भी नामजद हैं, लेकिन उन्होंने जमानत याचिका नहीं डाली।
प्रधान के पति के खिलाफ पुलिस ने नहीं भेजी रिपोर्ट
सरकंडी ग्राम सभा में 17 दिसंबर को बवाल और हत्या की कोशिश में महिला प्रधान का पति संतोष द्विवेदी नामजद है। वादी पक्ष का कहना है कि संतोष द्विवेदी की आत्मसमर्पण की याचिका कोर्ट में डाली गई है। पुलिस को बुधवार को आख्या देनी थी। पुलिस ने आख्या नहीं प्रस्तुत की। आख्या आने पर संतोष कोर्ट में आत्मसमर्पण करेंगे। उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी दाखिल है। इसकी सुनवाई छह जनवरी को है।
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इस पर कोर्ट ने माना कि जॉब कार्ड से प्रधान को सीधा लाभ नहीं मिलेगा। जमानत 50-50 हजार रुपये के बंधक पत्र पर मिली। इससे पहले प्रधान को करीब चार दिन जेल में रहना पड़ा था। बुधवार देर शाम प्रधान को जेल से रिहा कर दिया गया।
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जांच वर्ष 2023-24 के सरकंडी ग्रामसभा में मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत 50 से 60 लाख रुपये के घोटाले को लेकर अगस्त से चल रही थी। बीडीओ राहुल मिश्रा ने दो सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। विवेचना के क्रम में सीओ थरियांव वीर सिंह ने प्रधान पुष्पा देवी का नाम उजागर किया और 20 दिसंबर की रात उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
कोर्ट में वादी पक्ष ने तर्क रखा कि जॉब कार्ड का भुगतान सीधे खाताधारक को होता है इसलिए प्रधान को इससे कोई सीधा लाभ नहीं हुआ। उन्होंने बाईपास सर्जरी और राजनीतिक रंजिश का हवाला भी दिया। पुलिस पांच माह से लंबित विवेचना में ठोस साक्ष्य संकलित नहीं कर पाई।
इन तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर की। प्रकरण में जेई नरेंद्र गुप्ता समेत ब्लॉक के कई अधिकारी और कर्मचारी भी नामजद हैं, लेकिन उन्होंने जमानत याचिका नहीं डाली।
प्रधान के पति के खिलाफ पुलिस ने नहीं भेजी रिपोर्ट
सरकंडी ग्राम सभा में 17 दिसंबर को बवाल और हत्या की कोशिश में महिला प्रधान का पति संतोष द्विवेदी नामजद है। वादी पक्ष का कहना है कि संतोष द्विवेदी की आत्मसमर्पण की याचिका कोर्ट में डाली गई है। पुलिस को बुधवार को आख्या देनी थी। पुलिस ने आख्या नहीं प्रस्तुत की। आख्या आने पर संतोष कोर्ट में आत्मसमर्पण करेंगे। उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी दाखिल है। इसकी सुनवाई छह जनवरी को है।
