{"_id":"69483c16c2d8cff1210b3a4f","slug":"ngt-takes-strict-action-on-pollution-in-the-gayatri-ganga-river-hamirpur-news-c-223-1-hmp1028-133916-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hamirpur News: गायत्री गंगा नदी में प्रदूषण पर एनजीटी सख्त","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hamirpur News: गायत्री गंगा नदी में प्रदूषण पर एनजीटी सख्त
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:57 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
भरुआ सुमेरपुर। जनपद के सुमेरपुर क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली गायत्री गंगा नदी के संरक्षण और प्रदूषण रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मामले पर संज्ञान लिया है। आवेदक की याचिका पर 12 दिसंबर को हुई सुनवाई में अधिकरण ने नदी में प्रदूषण एवं अतिक्रमण से जुड़े गंभीर आरोपों पर विचार किया। इसकी अगली सुनवाई नौ मार्च 2026 को होगी।
कस्बे के स्टेशन रोड निवासी आवेदक राजेश शिवहरे की ओर से दायर याचिका में बताया गया कि गायत्री गंगा नदी लगभग 50 किलोमीटर लंबी एक प्राकृतिक जलधारा है, यह जनपद हमीरपुर के ग्राम छानी से निकलती है। यह नदी कई गांवों से होकर बहती हुई महोबा जनपद से निकलने वाली चंद्रावल नदी में गिरती है। चंद्रावल नदी केन नदी में मिलती है और केन चिल्ला के पास यमुना में मिलती है। अंततः यमुना प्रयागराज में गंगा में समाहित हो जाती हैं। इस प्रकार यह गायत्री गंगा नदी पावन एवं पवित्र गंगा नदी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है और क्षेत्रीय जल संतुलन एवं पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि गायत्री गंगा नदी में बिना उपचारित सीवेज (गंदा पानी) का सीधे निस्तारण किया जा रहा है, इससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। अधिकरण ने प्रथम दृष्टया इन तथ्यों को गंभीर मानते हुए मामले की सुनवाई स्वीकार की।
मामले की सुनवाई एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ के समक्ष हुई। आवेदक एवं प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष रखे। अधिकरण ने स्पष्ट किया कि प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण संवैधानिक दायित्व है और किसी भी प्रकार का प्रदूषण या अतिक्रमण पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन है।
एनजीटी ने इस मामले में संज्ञान लिया है, यह कदम स्थानीय जलस्रोतों को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
आवेदक ने इन्हें बनाया पक्ष
1 - पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली
2. उत्तर प्रदेश राज्य मुख्य सचिव
3. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
4. क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय बांदा
5. जिला मजिस्ट्रेट,जनपद हमीरपुर
6. खंड विकास अधिकारी, सुमेरपुर
7. अधिशासी अधिकारी,नगर पंचायत, सुमेरपुर
8.जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन,नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार विभाग,नई दिल्ली
9. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली
Trending Videos
कस्बे के स्टेशन रोड निवासी आवेदक राजेश शिवहरे की ओर से दायर याचिका में बताया गया कि गायत्री गंगा नदी लगभग 50 किलोमीटर लंबी एक प्राकृतिक जलधारा है, यह जनपद हमीरपुर के ग्राम छानी से निकलती है। यह नदी कई गांवों से होकर बहती हुई महोबा जनपद से निकलने वाली चंद्रावल नदी में गिरती है। चंद्रावल नदी केन नदी में मिलती है और केन चिल्ला के पास यमुना में मिलती है। अंततः यमुना प्रयागराज में गंगा में समाहित हो जाती हैं। इस प्रकार यह गायत्री गंगा नदी पावन एवं पवित्र गंगा नदी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है और क्षेत्रीय जल संतुलन एवं पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
विज्ञापन
विज्ञापन
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि गायत्री गंगा नदी में बिना उपचारित सीवेज (गंदा पानी) का सीधे निस्तारण किया जा रहा है, इससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। अधिकरण ने प्रथम दृष्टया इन तथ्यों को गंभीर मानते हुए मामले की सुनवाई स्वीकार की।
मामले की सुनवाई एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ के समक्ष हुई। आवेदक एवं प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष रखे। अधिकरण ने स्पष्ट किया कि प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण संवैधानिक दायित्व है और किसी भी प्रकार का प्रदूषण या अतिक्रमण पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन है।
एनजीटी ने इस मामले में संज्ञान लिया है, यह कदम स्थानीय जलस्रोतों को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
आवेदक ने इन्हें बनाया पक्ष
1 - पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली
2. उत्तर प्रदेश राज्य मुख्य सचिव
3. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
4. क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय बांदा
5. जिला मजिस्ट्रेट,जनपद हमीरपुर
6. खंड विकास अधिकारी, सुमेरपुर
7. अधिशासी अधिकारी,नगर पंचायत, सुमेरपुर
8.जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन,नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार विभाग,नई दिल्ली
9. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली
