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Hapur News: ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम से ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़
Updated Tue, 09 Dec 2025 10:33 PM IST
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हापुड़। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगवा रहा है। महरौली से सीतापुर के बीच रेलवे द्वारा 90 करोड़ रुपये से काम कराया जा रहा है। हालांकि, महरौली से डासना के बीच पहले चरण का काम हो चुका है। अब 17 दिसंबर से पिलखुवा-डासना के बीच काम शुरू होगा।
दिल्ली-मुरादाबाद के बीच रोजाना 100 से अधिक स्पेशल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होता है। इसमें से करीब 60 ट्रेनें हापुड़ जंक्शन पर भी ठहरती हैं, लेकिन कई बार सिग्नल न मिलने के कारण इन्हें रास्ते में ही रोक दिया जाता है। इससे ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है और रेल यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम को आधुनिक बनाने का काम कर रही है। गाजियाबाद के महरौली से डासना के बीच में पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है। अब दूसरे चरण में 17 से 23 दिसंबर तक पिलखुवा से डासना के बीच काम किया जाएगा। कार्य पूरा होने के बाद ट्रेनों को सिग्नल के इंतजार में रास्ते में नहीं रुकना पड़ेगा। एक ही रूट पर एक के बाद अन्य ट्रेनें आसानी से चल सकेंगी और इनकी रफ्तार भी बढ़ेगी।
मुरादाबाद मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि गाजियाबाद से सीतापुर के बीच ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। 90 करोड़ रुपये की लागत से सिग्नल प्रणाली को मजबूत बनाया जा रहा है। अगले वर्ष तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जिससे ट्रेनों की गति बढ़ेगी और सफर भी सुरक्षित होगा।
दस स्थानों पर बन रहे ब्लॉक हट
गाजियाबाद से गढ़मुक्तेश्वर तक दो करोड़ की लागत से ब्लॉक हट का निर्माण किया जा रहा है। जहां से सिस्टम को बिजली की आपूर्ति मिलेगी और सिग्नल को कंट्रोल किया जाएगा। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि आध्यात्मिक नगर, जिंदल फैक्टरी, निजामपुर, श्यामनगर फाटक सहित दस स्थानों पर दो कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है। एक कक्ष से ऑटोमेटिक सिग्नल को पावर सप्लाई और दूसरे कक्ष से ऑटोमेटिक स्विच के माध्यम से सिग्नल कंट्रोल किया जाएगा।
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दिल्ली-मुरादाबाद के बीच रोजाना 100 से अधिक स्पेशल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होता है। इसमें से करीब 60 ट्रेनें हापुड़ जंक्शन पर भी ठहरती हैं, लेकिन कई बार सिग्नल न मिलने के कारण इन्हें रास्ते में ही रोक दिया जाता है। इससे ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है और रेल यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम को आधुनिक बनाने का काम कर रही है। गाजियाबाद के महरौली से डासना के बीच में पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है। अब दूसरे चरण में 17 से 23 दिसंबर तक पिलखुवा से डासना के बीच काम किया जाएगा। कार्य पूरा होने के बाद ट्रेनों को सिग्नल के इंतजार में रास्ते में नहीं रुकना पड़ेगा। एक ही रूट पर एक के बाद अन्य ट्रेनें आसानी से चल सकेंगी और इनकी रफ्तार भी बढ़ेगी।
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मुरादाबाद मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि गाजियाबाद से सीतापुर के बीच ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। 90 करोड़ रुपये की लागत से सिग्नल प्रणाली को मजबूत बनाया जा रहा है। अगले वर्ष तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जिससे ट्रेनों की गति बढ़ेगी और सफर भी सुरक्षित होगा।
दस स्थानों पर बन रहे ब्लॉक हट
गाजियाबाद से गढ़मुक्तेश्वर तक दो करोड़ की लागत से ब्लॉक हट का निर्माण किया जा रहा है। जहां से सिस्टम को बिजली की आपूर्ति मिलेगी और सिग्नल को कंट्रोल किया जाएगा। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि आध्यात्मिक नगर, जिंदल फैक्टरी, निजामपुर, श्यामनगर फाटक सहित दस स्थानों पर दो कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है। एक कक्ष से ऑटोमेटिक सिग्नल को पावर सप्लाई और दूसरे कक्ष से ऑटोमेटिक स्विच के माध्यम से सिग्नल कंट्रोल किया जाएगा।