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Hapur News: फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र में पालिका के छह कर्मचारियों समेत 14 पर केस
संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़
Updated Tue, 09 Dec 2025 10:39 PM IST
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हापुड़। उत्तराखंड चमोली के हल्दापानी निवासी चंद्रकला वर्मा ने पति की मृत्यु के पश्चात उनकी सरकारी नौकरी पाने के उद्देश्य से कुछ लोगों पर नगर पालिका कर्मचारियों से सांठगांठ कर पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण बनवाने का आरोप लगाया है। न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने छह नगर पालिका कर्मचारियों समेत 14 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
चंद्रकला वर्मा ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उनके पति की मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है। आरोप है कि पति की मृत्यु के पश्चात 19 जुलाई 2024 को उनके पति की दूसरी पत्नी मीना वर्मा और उसकी पुत्री शुचि वर्मा व पुत्र यश वर्मा निवासी स्वर्ग आश्रम रोड स्थित मोहल्ला राजनगर ने गवाह ममता वर्मा, नीलम, विजेयता यादव, चंद्रहास व नीलम निवासी मोहल्ला राजनगर स्वर्ग आश्रम रोड के साथ मिलकर नगरपालिका के कर्मचारियों से साठगांठ कर उनके पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण बनवा लिया। इसमें आरोपियों के साथ नगरपालिका के तत्कालीन रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु मनोज कुमार, मुख्य सफाई निरीक्षक आवेश कुमार, तत्कालीन सफाई निरीक्षक राजकुमार, सफाई नायक राजीव, राजस्व निरीक्षक अमरपाल सिंह व क्षेत्रीय लेखपाल गंगाप्रसाद पटेल भी शामिल रहे।
इसके बाद 11 सितंबर 2024 को आरोपियों ने एसडीएम कार्यालय से योजनाबद्ध तरीके से षड्यंत्र कर प्रमाण पत्र तैयार कराए। आरोपी मीना वर्मा, शुचि वर्मा व यश वर्मा ने सत्य को जानते हुए भी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर सिविल जज (सीडी) प्रथम न्यायालय हापुड़ में उनके खिलाफ एक वाद दायर किया। जानकारी होने पर 27 अगस्त 2025 को उन्होंने एसपी व कोतवाली पुलिस से शिकायत की,लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। एक सितंबर 2025 को उन्होंने डाक के माध्यम से मुख्यमंत्री व डीजीपी को शिकायती पत्र भेजे। इसके बाद भी उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी। विवश होकर वह न्यायालय की शरण में पहुंची।
सीओ वरुण मिश्रा ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मीना वर्मा, शुचि वर्मा, यश वर्मा, ममता वर्मा, नीलम, विजयेता यादव, चंद्रहास, नीलम, मनोज कुमार, आवेश कुमार, राजकुमार, राजीव, अमरपाल सिंह व गंगाप्रसाद पेटल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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चंद्रकला वर्मा ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उनके पति की मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है। आरोप है कि पति की मृत्यु के पश्चात 19 जुलाई 2024 को उनके पति की दूसरी पत्नी मीना वर्मा और उसकी पुत्री शुचि वर्मा व पुत्र यश वर्मा निवासी स्वर्ग आश्रम रोड स्थित मोहल्ला राजनगर ने गवाह ममता वर्मा, नीलम, विजेयता यादव, चंद्रहास व नीलम निवासी मोहल्ला राजनगर स्वर्ग आश्रम रोड के साथ मिलकर नगरपालिका के कर्मचारियों से साठगांठ कर उनके पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण बनवा लिया। इसमें आरोपियों के साथ नगरपालिका के तत्कालीन रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु मनोज कुमार, मुख्य सफाई निरीक्षक आवेश कुमार, तत्कालीन सफाई निरीक्षक राजकुमार, सफाई नायक राजीव, राजस्व निरीक्षक अमरपाल सिंह व क्षेत्रीय लेखपाल गंगाप्रसाद पटेल भी शामिल रहे।
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इसके बाद 11 सितंबर 2024 को आरोपियों ने एसडीएम कार्यालय से योजनाबद्ध तरीके से षड्यंत्र कर प्रमाण पत्र तैयार कराए। आरोपी मीना वर्मा, शुचि वर्मा व यश वर्मा ने सत्य को जानते हुए भी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर सिविल जज (सीडी) प्रथम न्यायालय हापुड़ में उनके खिलाफ एक वाद दायर किया। जानकारी होने पर 27 अगस्त 2025 को उन्होंने एसपी व कोतवाली पुलिस से शिकायत की,लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। एक सितंबर 2025 को उन्होंने डाक के माध्यम से मुख्यमंत्री व डीजीपी को शिकायती पत्र भेजे। इसके बाद भी उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी। विवश होकर वह न्यायालय की शरण में पहुंची।
सीओ वरुण मिश्रा ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मीना वर्मा, शुचि वर्मा, यश वर्मा, ममता वर्मा, नीलम, विजयेता यादव, चंद्रहास, नीलम, मनोज कुमार, आवेश कुमार, राजकुमार, राजीव, अमरपाल सिंह व गंगाप्रसाद पेटल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।