World AIDS Day: हाथरस में 18523 की हुई जांच, एचआईवी संक्रमित मिले 109 लोग, इनको रहता है सबसे ज्यादा खतरा
हाथरस में इस साल अब तक 18,523 लोगों की जांच हुई है, इसमें 109 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। इन्हें एआरटी सेंटर के माध्यम से सामान्य जीवन से जोड़ा जा रहा है।
विस्तार
एचआईवी संक्रमण जानलेवा नहीं, बल्कि इसमें बरती गई लापरवाही खतरनाक हो सकती है। संक्रमित लोगों को ढूंढ़कर संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है। इस साल अब तक 18,523 लोगों की जांच हुई है, इसमें 109 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। इन्हें एआरटी सेंटर के माध्यम से सामान्य जीवन से जोड़ा जा रहा है। लोगों में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग अथक प्रयास कर रहे हैं। इन प्रयासों के बावजूद जिले में हर वर्ष दर्जनों एचआईवी संक्रमित लोग सामने आते हैं।
एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। काउंसिलिंग से भी लोगों की शंकाओं को दूर किया जाता है। संपूर्ण सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत संक्रमित लोगों के नजदीकियों को सुरक्षित रखने पर जोर दिया जा रहा है। युवाओं को जागरूक होने की आवश्यकता है।-डाॅ.विजय आनंद, जिला क्षय रोग अधिकारी।
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एक साल में 18 हजार की जांच
एचआईवी संक्रमण व एड्स की रोकथाम के लिए सरकारी व निजी अस्पतालों में हर वर्ष हजारों लोगों की जांच की जाती है। हर गर्भवती महिला की तिमाही जांच की जाती है। इसके साथ ही जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर संभावित लक्षण वाले मरीजों की जांच कराई जाती है। इसमें एचआईवी एंटी बॉडीज की जांच की जाती है। इस तरह इस वर्ष में अब तक कुल 18,523 लोगों की जांच की गई है। इनमें से 109 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। इन्हें अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज स्थित एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर से जोड़ा गया है। जहां इनकी नियमित दवाएं व पोषण युक्त भोजन की डाइट शुरु कराई गई है। इन सभी की काउंसिलिंग भी की गई है, जिससे वे घबराएं नहीं और संक्रमण भी न फैलने दें।
एचआईवी से एड्स तक
सामान्य जीवन संभव : सीएमएस
बागला जिला अस्पताल के सीएमएस डाॅ. सूर्यप्रकाश ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन बिता सकते हैं, बशर्ते वह एआरटी सेंटर से जुड़े रहें और काउंसिलिंग का पालन करे। अनुशासित जीवन से लगभग सभी एचआईवी संक्रमित समाज की मुख्य धारा से जुड़े हुए हैं। ऐसे लोगों से संक्रमण का खतरा न के बराबर रहता है। जिला अस्पताल स्थित आईसीटीसी व संपूर्ण सुरक्षा केंद्र के माध्यम से इस संबंध में लोगों को जागरूक कर भ्रम दूर किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इस वर्ष 35 जागरूकता कैंप लगा चुका है।
इनको रहता है खतरा
संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क, असुरक्षित यौन संबंध व मां से शिशु को एचआईवी फैलने का खतरा रहता है। हाई रिस्क ग्रुप जैसे पुरुष यौन वर्कर, महिला यौन वर्कर के अलावा टैक्सी व ट्रक ड्राइवर को सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इन्हें समय-समय पर जांच करानी चाहिए।
वर्ष- पॉजिटिव केस
2021 - 40
2022 - 41
2023 - 87
2024 - 62
2025 - 109