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UP: 'ये बांग्लादेश नहीं...' बोलकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने हथौड़े चलाकर ढहाई मजार; मामले में सियासत तेज

अमर उजाला नेटवर्क, फतेहपुर Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 25 Dec 2025 03:34 PM IST
सार

फतेहपुर में हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने हथौड़े चलाकर मजार ढहा दी। वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया साथ ही नौ पर प्राथमिकी दर्ज कर ली। मामले में प्रधानी चुनाव में समर्थन जुटाने की सियासत तेज हो गई है।

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Hindu organization activists demolished a shrine using hammers In Fatehpur
मजार तोड़ते हुए हिंदू संगठन के कार्यकर्ता - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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फतेहपुर के हुसैनगंज थाना क्षेत्र में हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुरानी मजार में तोड़फोड़ कर धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कार्यकर्ता कहते दिख रहे हैं कि ये बांग्लादेश नहीं है। ये हिंदुस्तान है। 
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यहां कोई जिहादी मानसिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस ने तोड़फोड़ करने वाले बजरंग दल के पांच नामजद समेत नौ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। बजरंग दल के प्रखंड संयोजक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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हुसैनगंज थाना क्षेत्र के भलेवा मार्ग पर मवई गांव किनारे रहने वाले जयबहादुर के घर के किनारे नाली से सटी वली शाह बाबा की पुरानी मजार बनी थी। मजार से करीब 100 मीटर दूर फकीर समुदाय के लोग रहते हैं। घटनाक्रम का एक वीडियो वायरल हुआ है। 

इसमें बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता मंगलवार शाम मजार पर हथौड़े चलाकर तोड़फोड़ कर रहे हैं। करीब दो से तीन मिनट में मजार को ध्वस्त कर दिया। आसपास के लोगों से कार्यकर्ता वीडियो में बोल रहे कि कोई भी मजार बनवाने आए तो बोल देना कि बजरंग दल के कार्यकर्ता तोड़कर गए हैं।
 

मजार को कोई भी दोबारा बनाने न पाए। इस देश में रहना है तो यहां के नियम , संविधान का पालन करो। भारत माता, राष्ट्रगान, वंदे मातरम् के प्रति समर्पण दिखाना होगा। ये बांग्लादेश नहीं जो किसी हिंदू को उल्टा लटकाकर जला दिया। ये हिंदुस्तान है। यहां कोई जिहादी मानसिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मौके पर एडीएम अविनाश त्रिपाठी, एएसपी महेंद्र पाल सिंह पहुंचे। घटनास्थल पर लोगों से पूछताछ की है। एडीएम का कहना है कि मजार का कोई अभिलेखीय साक्ष्य नहीं है।

मामले में एसआई कुंवर प्रखर सिंह की ओर से सौहार्द बिगाड़ने, धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने समेत कई धाराओं में बजरंग दल के राहुल अग्निहोत्री, प्रखंड संयोजक नरेंद्र हिंदू, गोलू पंडित, कुलदीप मिश्रा, शोभराज मिश्रा व चार अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। प्रभारी निरीक्षक आलोक पांडेय ने बताया कि मजार में तोड़फोड़ करने के आराेपी छेउका निवासी नरेंद्र हिंदू को हिरासत में लिया गया है। आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

मजार तोड़फोड़ के बाद प्रधानी चुनाव में समर्थन जुटाने की सियासत तेज
हुसैनगंज थाना क्षेत्र के मवई गांव में बनी मजार की तोड़फोड़ को प्रधानी चुनाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। गांव में एक ही बिरादरी के दो प्रमुख दावेदार मैदान में हैं। मतदाताओं में हिंदू समुदाय की संख्या अधिक बताई जा रही है। ग्रामसभा में करीब तीन हजार से अधिक मतदाता हैं।
 

ग्रामीणों के अनुसार इस मजार पर दोनों समुदाय के लोग आस्था रखते थे। यहां मन्नत मांगने, अगरबत्ती सुलगाने और चादर चढ़ाने की परंपरा रही है। तोड़फोड़ की घटना के बाद गांव का माहौल चुनावी गणित में उलझता नजर आ रहा है।
 

बताया जा रहा है कि एक दावेदार को गांव के करीब 250 मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है। तोड़फोड़ के बाद समर्थक दावेदार ने चुनाव जीतने पर मजार का पुनर्निर्माण कराने का आश्वासन देकर मुस्लिम मतदाताओं को शांत किया है। हालांकि वह खुलकर सामने आने से बच रहा है ताकि हिंदू समर्थक उससे दूर न हों।
 

दूसरा दावेदार भी पीछे नहीं है और वह हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में एकजुट करने में जुटा है। माना जा रहा है कि तोड़फोड़ के बाद मुस्लिम पक्ष को लेकर विरोधी के खुलकर सामने आने की उम्मीद की जा रही थी। इससे चुनावी समीकरण एकतरफा हो जाएं। इसी सोच के तहत गांव में माहौल बनाने की कोशिशें भी चर्चा में हैं।

...तो चर्चा में आने का बनाया तरीका
शहर में 11 अगस्त को बवाल के बाद जिले के भाजपा और हिंदू संगठनों की चर्चा प्रदेश स्तर तक रही। ग्रामीणों का कहना है कि मजार में तोड़फोड़ कर बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने खुद को चर्चा में लाने की कोशिश की है। कुछ दिन पहले भी नरेंद्र हिंदू की कई रील सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इन रीलों में वह धार्मिक स्थलों के आसपास मांस की दुकान हटवाते और अन्य कार्य करते नजर आया है।

...तो मजार से पहले पहलवानों का अखाड़ा था
ग्रामीणों के मुताबिक मजार की जगह पर पहले अखाड़ा का झंडा लगाया जाता था। यह भूमि विष्णुपाल सिंह की थी। पहलवान झंडे पर मिट्टी चढ़ाते थे। ऊंचा ढेर हो गया था। इसे 50 साल पहले ओली बाबा पहलवान का अड्डा कहा जाता था। इसी जगह पर एक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति बैठकर झाड़फूंक करने लगे। धीरे-धीरे इस जगह को वली शाह की मजार का रूप दिया गया। विष्णुपाल सिंह के पिता ने जयबहादुर माली को जगह बेच दी थी। इस दौरान दरवाजे किनारे मजार बनी रह गई। भलेवा रोड निर्माण के दौरान मजार का आधा हिस्सा टूट गया था। अब नाली दो फीट चौड़ी बची थी।
 
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