Kanpur: मनरेगा में 12 लाख का हाजिरी घोटाला; प्रधान-सचिव समेत आठ पर गिरेगी गाज, FIR और वसूली के आदेश
Kanpur News: बिल्हौर की रहीमपुर करीमपुर पंचायत में फर्जी मजदूरों के नाम पर 12 लाख का मनरेगा बजट हड़पने वाले प्रधान, सचिव और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर और वसूली के आदेश जारी हुए हैं।
विस्तार
कानपुर में बिल्हौर ब्लॉक की रहीमपुर करीमपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्यों में 12 लाख रुपये के गबन के मामले में सीडीओ दीक्षा जैन ने आदेश जारी किया है। प्रधान विनोद कुमार, सचिव रवि यादव, तकनीकी सहायक प्रमोद कुमार के खिलाफ बीडीओ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे और इनसे धनराशि की वसूली भी होगी। इसके साथ दो तत्कालीन बीडीओ, लेखाकार, कंप्यूटर ऑपरेटर और कार्यक्रम अधिकारी पर जुर्माना लगाकर नोटिस जारी किया गया है।
वहीं, संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त की जाएगी। बीते एक माह पहले ग्राम रहिमपुर करीमपुर के चंद्र कुमार कटियार ने वर्ष 2024–25 से 2025–26 में मनरेगा कार्यों में फर्जी भुगतान करने की डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से शिकायत की थी। आरोप था कि दूसरी ग्राम पंचायतों के मजदूरों के नाम से भी फर्जी हाजिरी लगाकर मजदूरी निकाली गई। डीएम ने मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे।
करीब 13 काम विकास कार्यों में दिखाए गए
इसके बाद परियोजना निदेशक आलोक कुमार, अधिशाषी अभियंता आरईएस ने गांव पहुंचकर जांच की। इसमें पता चला कि जिन 80 मजदूरों के खाते में भुगतान किया गया, वो 20 से 30 किमी दूर बेरहमपुर, बिल्हौर देहात, खजुरी, कुदौरा, अरौल, वरंडा, रौगांव, खाड़ामऊ के रहने वाले मिले थे। इनकी फर्जी हाजिरी लगाकर मानव दिवस बनाए गए और खातों में पैसा भेजा गया। साथ ही करीब 13 काम विकास कार्यों में दिखाए गए।
जांच में 12 लाख रुपये का गबन पाया था
लेकिन मौके पर एक भी काम नहीं मिला। टीम ने जांच में 12 लाख रुपये का गबन पाया था। टीम की रिपोर्ट के अनुसार बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने पर दो बीडीओ आशीष मिश्रा, बलराम, प्रधान विनोद कुमार, सचिव रवि यादव, तकनीकी सहायक प्रमोद कुमार, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी प्रीति अग्निहोत्री, लेखाकार देवेंद्र शर्मा, कंप्यूटर आपरेटर ललित कुमार दोषी पाए गए।
प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक से यूं होगी वसूली
प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक से 404356 रुपये की बराबर-बराबर धनराशि की वसूली होगी। इसके अलावा बीडीओ आशीष मिश्रा पर 11400 रुपये, बलराम पर 13800 रुपये, एपीओ और लेखाकार पर 24200-24200 रुपये, कंप्यूटर ऑपरेटर पर 1000 रुपये जुर्माना लगाया गया है। साथ ही इनसे 1.16 लाख रुपये सीआईबी बोर्ड की स्थापना न कराने पर धनराशि की वसूली होगी।
सैबसू में मिले दोषियों पर अब तक विभागीय कार्रवाई नहीं
सैबसू ब्लाॅक में बिना काम के मनरेगा कार्य दिखाकर 20 लाख रुपये का गबन करने के मामले में अभी तक प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है। जिले से कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई है। संविदा कर्मी ब्लाॅक में बैठकर अभी भी काम कर रहे हैं।
रहीमपुर-करीमपुर में तीन पर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त होगी। सैबसू में जल्द ही संविदा कर्मियों को हटाया जाएगा। सचिवों पर कार्रवाई के लिए डीडीओ को निर्देश दिए गए हैं। -दीक्षा जैन, सीडीओ
