गंगा बैराज हादसा: व्हाट्सएप की जगह वारयलेस करते तो पकड़े जाते कार सवार, सीसीटीवी में दिखे चेहरे…नंबर मिला गायब
Kanpur News: गंगा बैराज पर पुलिसकर्मियों को टक्कर मारने वाली हुंडई कार का सुराग नहीं मिला है; वायरलेस के बजाय व्हाट्सएप से सूचना देने की तकनीकी चूक ने आरोपियों को भागने का मौका दे दिया।
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कानपुर में गंगा बैराज पर बैरियर और पुलिसकर्मियों को टक्कर मारकर फरार हुई कार का पता नहीं चल सका है। पुलिस ने उन्नाव से लेकर बिठूर तक कई सीसीटीवी कैमरों की जांच कराई, जिसमें नंबर प्लेट नजर नहीं आ रही है। कार चालक व बगल की सीट पर जरूर एक सवार नजर आया है। घटना के समय अगर पुलिस मोबाइल पर मैसेज टाइप करके अधिकारियों को भेजने के बजाय वायरलेस पर सूचना प्रसारित कर देती, तो शायद बेअंदाज कार सवार पुलिस हिरासत में होते।
ऐसा न होने से कार सवार बिठूर की ओर भाग निकले। कोहना थाने की गंगा बैराज चौकी इंचार्ज प्रभाशंकर सिंह ने अज्ञात कार सवार के खिलाफ लापरवाही व तेज गति से वाहन चलाने, दूसरों के जीवन को खतरे में डालने की एफआईआर दर्ज कराई है। प्राथमिकी के अनुसार मंगलवार की शाम 6:30 बजे गंगा बैराज पर अटल घाट चौकी इंचार्ज संजय, एसआई पूरन सिंह और होमगार्ड हरि प्रकाश नाका लगाकर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान काले रंग की हुंडई औरा कार आई और बैरियर काे टक्कर मारने के बाद फरार हो गई।
आधे घंटे बाद अधिकारियों को व्हाट्सएप मैसेज जारी किया
बैरियर को टक्कर लगते ही एसआई संजय, पूरन सिंह और होमगार्ड हरि प्रकाश भी चपेट में आ गए। घटना में तीनों घायल हो गए। इस बीच चालक तेज गति से कार को लेकर बिठूर की आर भाग निकला। मौके पर कोहना थानाध्यक्ष प्रतीक सिंह और ट्रैफिक का स्टाफ भी मौजूद रहा। उन्होंने पुलिसकर्मियों को उठाया और उन्हें हैलट अस्पताल भिजवाया। इस दौरान घटना की जानकारी न ही वायरलेस सेट पर दी गई और न हीं आरोपियों का पीछा किया गया। करीब आधे घंटे बाद अधिकारियों को व्हाट्सएप मैसेज जारी किया गया।
तेज रफ्तार कार की चपेट में आकर तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। उनको अस्पताल पहुंचाना भी जरूरी था। हालांकि, वायरलेस से मैसेज किया जा सकता था। आरोपी कार चालक व उसमें सवार की तलाश की जा रही है। डीसीपी सेंट्रल की टीम लगी हुई है। -आशुतोष कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून व्यवस्था
