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फर्जी डॉक्टर मामला : बहनोई की पहचान चुराने के आरोपी की जेल बेचैनी से कटी रात
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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता की चिकित्सकीय डिग्री और पहचान चोरी कर मेडिकल कॉलेज में एनसीडी सेल में हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पर तीन साल नौकरी करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए अभिनव सिंह को जेल की बैरक नंबर दो में रखा गया है। यहां उसने किसी से बात नहीं की और गुमसुम बना रहा। रात को खाना दिया गया तो थोड़ा ही खाया। रात भर करवट बदलता रहा।
शुक्रवार को कोतवाली पुलिस ने अभिनव सिंह को गिरफ्तार किया था। आरोपी तीन साल तक अमेरिका में रहने वाले अपने बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता की चिकित्सकीय डिग्री सहित अन्य कागजातों का प्रयोग करते हुए मेडिकल कालेज में एनसीडी सेल में हृदय रोग विशेषज्ञ बनकर मरीजों का इलाज करता रहा था। बहन की शिकायत पर बैठाई गई जांच में फर्जीवाड़ा खुलने के बाद आरोपी अभिनव के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया और पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। यहां से उसे सात दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया था। रात को जेल में पहुंचे आरोपी अभिनव सिंह को बैरक नंबर दो में रखा गया। यहां दो नंबर बैरक में निरुद्ध अन्य बंदियों से उसने किसी प्रकार की कोई बातचीत नहीं की। रात को उसे खाना दिया गया। लेकिन उसने थोड़ा ही खाना खाया। पूरी रात वह सोया नहीं और करवटें बदलता रहा। जेल प्रशासन के मुताबिक शनिवार को वह सामान्य लोगों की तरह ही रहा। जेलर आरएन गौतम ने बताया कि रात को आरोपी को जेल लाया गया था। यहां उसे बैरक नंबर दो में रखा गया। पहले दिन कुछ बेचैन दिखाई दिया था। लेकिन शनिवार को वह सामान्य रहा।
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ललितपुर। बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता की चिकित्सकीय डिग्री और पहचान चोरी कर मेडिकल कॉलेज में एनसीडी सेल में हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पर तीन साल नौकरी करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए अभिनव सिंह को जेल की बैरक नंबर दो में रखा गया है। यहां उसने किसी से बात नहीं की और गुमसुम बना रहा। रात को खाना दिया गया तो थोड़ा ही खाया। रात भर करवट बदलता रहा।
शुक्रवार को कोतवाली पुलिस ने अभिनव सिंह को गिरफ्तार किया था। आरोपी तीन साल तक अमेरिका में रहने वाले अपने बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता की चिकित्सकीय डिग्री सहित अन्य कागजातों का प्रयोग करते हुए मेडिकल कालेज में एनसीडी सेल में हृदय रोग विशेषज्ञ बनकर मरीजों का इलाज करता रहा था। बहन की शिकायत पर बैठाई गई जांच में फर्जीवाड़ा खुलने के बाद आरोपी अभिनव के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया और पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। यहां से उसे सात दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया था। रात को जेल में पहुंचे आरोपी अभिनव सिंह को बैरक नंबर दो में रखा गया। यहां दो नंबर बैरक में निरुद्ध अन्य बंदियों से उसने किसी प्रकार की कोई बातचीत नहीं की। रात को उसे खाना दिया गया। लेकिन उसने थोड़ा ही खाना खाया। पूरी रात वह सोया नहीं और करवटें बदलता रहा। जेल प्रशासन के मुताबिक शनिवार को वह सामान्य लोगों की तरह ही रहा। जेलर आरएन गौतम ने बताया कि रात को आरोपी को जेल लाया गया था। यहां उसे बैरक नंबर दो में रखा गया। पहले दिन कुछ बेचैन दिखाई दिया था। लेकिन शनिवार को वह सामान्य रहा।
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