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ईडी का छापा: एनएमसी जांच के बाद से बढ़ीं पूर्व एमएलसी सरोजिनी अग्रवाल की मुश्किलें, मेडिकल कॉलेज में फर्जीवाड़

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: डिंपल सिरोही Updated Fri, 28 Nov 2025 11:57 AM IST
सार

मेरठ में पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के मेडिकल कॉलेज पर ईडी की छापेमारी से मामले ने तूल पकड़ लिया है। एनएमसी जांच में फैकल्टी और मरीजों की संख्या में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया था, जिसके बाद सीबीआई ने भी कॉलेज और आवास पर छापा मारा था। एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए घूस लेने के आरोपों ने पूरे मामले को गंभीर बना दिया है।

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ED Raid: Troubles Mount for Former MLC Dr. Sarojini Agarwal After NMC Probe, Irregularities Found in Medical C
डॉ सरोजिनी अग्रवाल और उनकी बेटी, जांच के लिए पहुंची टीम - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मेरठ में पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के खरखौदा स्थित नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कॉलेज में ईडी के छापा मारने से पहले एनएमसी और सीबीआई की ओर से भी जांच की जा चुकी है। दरअसल, एनएमसी की जांच रिपोर्ट के बाद से ही डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की मुश्किलें बढ़तीं चली गईं।

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इस मेडिकल कॉलेज में बीते एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की टीम ने पड़ताल की थी। शिकायत मिली थी कि पूर्व एमएलसी के मेडिकल कॉलेज में मानक के अनुसार फैकल्टी नहीं हैं। इसके साथ ही छात्रों का पंजीयन और उनकी पढ़ाई भी मानकों को पूरा नहीं कर रही है। मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भर्ती और ओपीडी में भी फर्जीवाड़े की शिकायत एनएमसी की टीम को मिली थी। कॉलेज में एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाने के लिए मोटी घूस देने की बात भी सामने आई थी।
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एनएमसी की रिपोर्ट और लखनऊ में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर घूसखोरी करने वाले तीन डॉक्टरों समेत छह लोगों की गिरफ्तारी के बाद दो जुलाई को सीबीआई ने खरखौदा में पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के एनसीआर मेडिकल कॉलेज पर छापा मारा था। इसके साथ ही डॉ. सरोजनी अग्रवाल के आवास पर घंटों तक छानबीन की गई थी।
सीटें बढ़ाने के प्रकरण में बेटी शिवानी अग्रवाल से भी काफी पूछताछ की गई। कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। इसके अतिरिक्त 50 सीट बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेज की ओर से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में आवेदन किया गया गया था। जब एनएमसी की टीम जांच के लिए मेडिकल कॉलेज आई तो मानकों के अनुरूप स्थिति नहीं मिली। अनुकूल मान्यता रिपोर्ट के लिए फैकल्टी को फर्जी तरीके से दर्शाया गया था। 

 

ED Raid: Troubles Mount for Former MLC Dr. Sarojini Agarwal After NMC Probe, Irregularities Found in Medical C
मेडिकल कॉलेज में पहुुंची टीम - फोटो : अमर उजाला

डॉ. सरोजिनी अग्रवाल सहित परिवार पर दर्ज हो चुके हैं केस
पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, बेटी शिवानी अग्रवाल और अन्य परिजनों के खिलाफ कई आरोपों में मामले दर्ज हो चुके हैं। काॅलेज में सीटों के आवंटन में गडबडी पर सीबीआई ने डॉ. शिवानी अग्रवाल के खिलाफ भी दिल्ली में केस दर्ज किया है।

10 लाख की धोखाधड़ी का भी आरोप : मवाना के मोहल्ला मुन्नालाल निवासी रितू सचदेवा ने दौराला थाने पर केस दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि 2015 में उनके मुलाकात अनुराग गर्ग नेहरू नगर निवासी से हुई थी। इसमें उसने अपने साथी अखिलेश चौहान निवासी गाजियाबाद व दयानंद अस्पताल के मालिक डॉ. ओमप्रकाश व उनकी बेटी नीमा अग्रवाल निवासी जवाहर क्वार्टर से मुलाकात कराई थी।

उस समय डॉ. सरोजिनी सपा में थीं। 2015 में समौली गांव के पास समाजवादी आवासीय योजना के तहत मकान में फ्लैट बनाने का काम शुरू हुआ था। आरोपी अनुराग अखिलेश चौहान ने दो फ्लैट दिखाए थे। फ्लैट के नाम पर 10 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

पार्टी बदली तो बदल दिया मेडिकल कॉलेज का नाम
डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने जैसे ही पार्टी बदली तो उनके अस्पताल का भी नाम बदल गया। सपा में रहते समय ट्रस्ट की चेयरपर्सन सरोजिनी अग्रवाल ने खरखौदा में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नाम रखा था लेकिन 2017 में जैसे ही सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं तो 2020 में अस्पताल का नाम बदलकर नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कर दिया गया था। 2015 में बने मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। 

राजनीति में रहा दबदबा : डॉ. सरोजिनी की पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव व आजम खां की बेहद करीबियों में गिनती होती थी। 1995 में सपा ने मेरठ का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया। 1996 से 2010 तक राष्ट्रीय सचिव भी रहीं। वर्ष 2009 में डॉ. सरोजिनी को पहली बार एमएलसी बनाया। 2017 में जैसे ही भाजपा की बहुमत की सरकार बनी डाॅ. सरोजिनी ने त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होना मुनासिब समझा। 
 

जांच टीम ने बाहर से मंगवाया भोजन
मेडिकल कॉलेज में ईडी की छानबीन देर रात एक बजे तक भी जारी थी। टीम के सदस्य सुबह सवा चार बजे से लेकर देर रात तक छानबीन में लगे थे। टीम ने किसी भी सदस्य और कर्मचारी को अंदर नहीं आने दिया। रात में भोजन भी बाहर से मंगवा कर अंदर ही खाया। छापे की कार्रवाई के चलते पूर्व एमएलसी और उनके सभी परिजनों के मोबाइल फोन भी बंद  है। यहां तक की उनके परिचितों के भी फोन नहीं मिल पा रहे थे।

सीओ पुलिस टीम के साथ पहुंचे, फिर लौट आए
बृहस्पतिवार को ईडी की जांच की सूचना मिलने के बाद सीओ किठौर प्रमोद कुमार सिंह भी खरखौदा पुलिस के साथ एनसीआर मेडिकल कॉलेज खरखौदा पहुंचे। हालांकि इससे पहले ही ईडी की जांच टीम पैरामिलिट्री फोर्स के साथ ही अस्पताल पहुंची थी। बाद में सीओ किठौर व पुलिस फोर्स भी अस्पताल से लौट आई। कार्रवाई पूर्ण रूप से गोपनीय रही। देर रात तक गहन छानबीन जारी रही। अभी जांच चल  रही है। जांच प्रक्रिया में ईडी की टीम का सहयोग किया जा रहा है। - डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, पूर्व एमएलसी।
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