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कोर्ट की अवहेलना पड़ी भारी, आजमगढ़ के समाज कल्याण अधिकारी निलंबित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,आजमगढ़
Updated Thu, 25 Jan 2018 02:44 PM IST
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सस्पेंड
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शासन के निर्देशों और कोर्ट की अवहेलना आजमगढ़ के समाज कल्याण अधिकारी पर भारी पड़ गई। प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने उन्हें निलंबित कर दिया है। निलंबन की जानकारी होने पर समाज कल्याण अधिकारी मेडिकल पर चले गए हैं। कमिश्नर के रविंद्र नायक ने निलंबन की पुष्टि की है।
जिला समाज कल्याण कार्यालय 2014 से ही चर्चाओं में रहा है।
150 करोड़ के घोटाले को लेकर विभाग हमेशा अखबारों की सुर्खियां बनता रहा है। पिछले दिनों सीडीओ की ओर से इस घोटाले की जांच में समाज कल्याण अधिकारी राजीव रत्न सिंह के सहयोग न करने की रिपोर्ट कमिश्नर और जिलाधिकारी से की थी। कमिश्नर ने इस पर शासन से समाज कल्याण अधिकारी के निलंबन की संस्तुति भी कर दी थी। हालांकि जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया था।
इसके बाद भी गलत तरीकों से समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित स्कूलों के वेतन जारी करने और रोकने तथा समाजवादी पेंशन में भी घपले की शिकायत कमिश्नर और ऊपर शान में की गई थी। लंगरपुर स्थित एक स्कूल में शिक्षकों के वेतन का मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। इसमें हाईकोर्ट ने वेतन जारी करने के आदेश शासन को दिए थे, लेकिन शासन के निर्देशों का पालन समाज कल्याण अधिकारी नहीं कर पाए थे।
कोर्ट के आदेश की अवमानना होने पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण को तलब कर लिया गया था। इन्हीं मामले को लेकर प्रमुख सचिव ने समाज कल्याण अधिकारी राजीव रत्न सिंह को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि इस बारे में कोई लिखित आदेश नहीं दिए गए हैं।
निलंबन की जानकारी होने पर राजीव रत्न सिंह मेडिकल लीव लेकर छुट्टी पर चले गए हैं। सूत्रों का कहना है कि वो निलंबन आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण लेने की फिराक में हैं। कमिश्नर के. रविंद्र नायक ने बताया कि शासन और हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन न करने पर समाज कल्याण अधिकारी को निलंबित किया गया है।

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जिला समाज कल्याण कार्यालय 2014 से ही चर्चाओं में रहा है।
150 करोड़ के घोटाले को लेकर विभाग हमेशा अखबारों की सुर्खियां बनता रहा है। पिछले दिनों सीडीओ की ओर से इस घोटाले की जांच में समाज कल्याण अधिकारी राजीव रत्न सिंह के सहयोग न करने की रिपोर्ट कमिश्नर और जिलाधिकारी से की थी। कमिश्नर ने इस पर शासन से समाज कल्याण अधिकारी के निलंबन की संस्तुति भी कर दी थी। हालांकि जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया था।
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इसके बाद भी गलत तरीकों से समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित स्कूलों के वेतन जारी करने और रोकने तथा समाजवादी पेंशन में भी घपले की शिकायत कमिश्नर और ऊपर शान में की गई थी। लंगरपुर स्थित एक स्कूल में शिक्षकों के वेतन का मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। इसमें हाईकोर्ट ने वेतन जारी करने के आदेश शासन को दिए थे, लेकिन शासन के निर्देशों का पालन समाज कल्याण अधिकारी नहीं कर पाए थे।
कोर्ट के आदेश की अवमानना होने पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण को तलब कर लिया गया था। इन्हीं मामले को लेकर प्रमुख सचिव ने समाज कल्याण अधिकारी राजीव रत्न सिंह को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि इस बारे में कोई लिखित आदेश नहीं दिए गए हैं।
निलंबन की जानकारी होने पर राजीव रत्न सिंह मेडिकल लीव लेकर छुट्टी पर चले गए हैं। सूत्रों का कहना है कि वो निलंबन आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण लेने की फिराक में हैं। कमिश्नर के. रविंद्र नायक ने बताया कि शासन और हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन न करने पर समाज कल्याण अधिकारी को निलंबित किया गया है।