पूर्वांचल में बढ़े गिट्टी-बालू के दाम: ट्रक मालिकों की हड़ताल से सोनभद्र-बनारस के बीच हजारों ट्रक हुए खड़े
ट्रक मालिकों के हड़ताल पर चले जाने से पूर्वांचल की मंडियों में गिट्टी-बालू की ढुलाई ठप पड़ गई है। सोनभद्र की खदानों से निकलने वाले गिट्टी-बालू की आपूर्ति समूचे पूर्वांचल की मंडियों में होती है।
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खनन विभाग के उत्पीड़न और क्रशर मालिकों की मनमानी के खिलाफ सोनभद्र में ट्रकों के चक्के चार दिनों से थमे हुए हैं। ट्रक मालिकों के हड़ताल से बिल्डिंग मैटेरियल के दाम बढ़ गए हैं। इससे निर्माण कार्यों पर भी असर पड़ना तय माना जा रहा है। गिट्टी-बालू के दाम में वृद्धि के अलावा सरकारी व निजी सभी तरह के निर्माण कार्य भी प्रभावित होंगे।
सोनभद्र की खदानों से निकलने वाले गिट्टी-बालू की आपूर्ति समूचे पूर्वांचल की मंडियों में होती है। ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अनुसार सोनभद्र-बनारस के बीच चलने वाले लगभग साढ़े चार हजार ट्रक खड़े हो गए हैं। एसोसिएशन के अनुसार परमिट पर गिट्टी 165-168 रुपये घन मीटर है जबकि क्रशर मालिक इसका 500 रुपये वसूलते हैं। खनन विभाग की मिलीभगत से ट्रक ऑपरेटरों का दोहन किया जा रहा है।
गिट्टी के रेट में 10 रुपये स्क्वायर फीट की बढ़ोतरी
रोहनिया के बिल्डिंग मैटेरियल रविंद्र नारायण सिंह ने बताया कि जो गिट्टी पहले सात हजार रुपये ट्रैक्टर आती थी, वह अब आठ हजार में आ रही हैं। वहीं, बालू जो पहले 7 हजार 500 रुपये ट्रैक्टर था अब आठ हजार रुपये ट्रैक्टर है। गिट्टी-बालू न आने से आपूर्ति में दिक्कतें हो रही हैं। दुकानदार इंद्रजीत सिंह बताते हैं कि गिट्टी के रेट में 10 रुपये स्क्वायर फीट की बढ़ोतरी हुई है। जबकि बालू छह से सात रुपये स्क्वायर फीट बढ़ा है।
क्रशर मालिकों की मनमानी पर लगे लगाम
ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन (वाराणसी) के अध्यक्ष राजेश रूपानी ने कहा कि खनन विभाग के उत्पीड़न और क्रशर मालिकों की मनमानी से क्षुब्ध होकर ट्रक ऑपरेटर 22 सितंबर से हड़ताल पर हैं। इससे बनारस सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों पर असर है। बनारस-सोनभद्र के बीच साढ़े चार हजार ट्रक खड़े हैं।
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