स्वास्थ्य: शुगर, बीपी, ऑटिज्म का इलाज कर रहे मंत्र, काशी में पहली बार तीन हजार मंत्रों से शुरू हुई चिकित्सा
Health News: काशी के शिवपुर में चल रहे इस शिविर में लोग असाध्य रोगों को भी मंत्रों के उपचार से ठीक कर रहे हैं। बच्चों में ऑटिज्म के भी खास उपाय बताए जा रहे हैं। बीमारी के उपचार के लिए अलग-अलग रोगों के लिए तीन हजार मंत्र तैयार किए गए हैं।
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Healing Diseases with Mantra: मंत्रों की शक्ति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए काशी में पहली बार मंत्र चिकित्सा की शुरुआत हुई है। 21 दिवसीय मंत्र चिकित्सा शिविर में तीन हजार मंत्रों से रोगियों की चिकित्सा होगी। रोजाना तीन घंटे 14 मिनट के सत्र में मंत्र विशेषज्ञों ने रोगियों को रोग के अनुसार मंत्रों का जाप आरंभ किया। सुबह डेढ़ घंटे और शाम को डेढ़ घंटे के सत्र में ध्यान, योग और प्राणायाम के साथ 90 से अधिक मरीजों की मंत्र चिकित्सा आरंभ हुई।
नव भारत निर्माण समिति ऑर सनातनम द फायर की ओर से शुद्धिपुर स्थित ऋषिव वैदिक अनुसंधान, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में मंत्र चिकित्सा का शिविर आरंभ हुआ। ऑटिज्म से पीड़ित तीन बच्चों के लिए शुक्र के मंत्रों का जाप किया गया।
मंत्र विशेषज्ञ राजगीर से अमृतेश कुमार भास्कर ने हाइपर एक्टिविटी को नियंत्रित करने के लिए जैन मंत्रों के साथ बीज और आयुर्वेदिक मंत्रों का जाप किया। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान चिकित्सा के लिए तीन हजार मंत्रों का जाप किया जाएगा।
मंत्रों के जरिये नकारात्मक सोच और भूतकाल में जीने वालों की सोच को सही दिशा में लगाया जा सकता है। योग, ध्यान और प्राणायाम के साथ रोजाना मंत्रों की चिकित्सा होगी। अलग-अलग रोगों के लिए तीन हजार मंत्र तैयार किए गए हैं। रोगियों को उनके रोग के हिसाब से मंत्र चिकित्सा दी जाएगी। सबसे खास बात यह है कि ये सभी मंत्र प्राकृत भाषा में हैं।
मंत्रों से दूर हो सकता है दर्द, ब्लड प्रेशर भी होगा नियंत्रित
मंत्र विशेषज्ञ अमृतेश कुमार भास्कर ने बताया कि मंत्रों के जरिये दर्द के साथ ही ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित हो सकता है। प्रकृति की आवाज में ऐसी तरंगें हैं जिनका इस्तेमाल करके हम अपनी कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं। राम नाम के मंत्रों से शरीर में जगह-जगह होने वाले दर्द ठीक किया जा सकता है। निशुल्क मंत्र चिकित्सा शिविर 15 जून तक चलेगा। मरीजों को अपनी मेडिकल हिस्ट्री लेकर आना होगा।
सुबह की शुरुआत हो रही मंत्रों से
सचिव बृजेश सिंह ने बताया कि शिविर में रोजाना सुबह पहले 15 मिनट ऊं एवं वैदिक गायत्री मंत्र का जाप और ध्यान कराया जा रहा है। इसके बाद मंत्र विशेषज्ञ रोगियों के रोग के अनुसार मंत्रोच्चार करते हैं। रोगी को 30 मिनट तक ध्यान की अवस्था में मंत्रों को सुनना है।
इसके बाद हर रोगी को पांच मिनट तक मंत्र का जाप कराया जा रहा है और उसके बाद ध्यान। मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सेशन भी चल रहा है। पहले दिन के सेशन में ब्लड कैंसर, ऑटिज्म, डायबिटीज, हृदय और हड्डी रोग के मरीजों की चिकित्सा शुरू हुई।
वैदिक मंत्रोच्चार और दीप जलाकर हुई शुरुआत
शिविर का शुभारंभ रविवार को सुबह 6:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार, दीप-प्रज्ज्वलन और विशेष यौगिक और वैदिक साधना-सत्रों के साथ हुआ। मुख्य अतिथि कर्नल संदीप शर्मा, प्रो. अमिताभ राव और डॉ. कंचन सिंह परिहार रहे। नव भारत निर्माण समिति के सचिव बृजेश सिंह और बीएचयू से आचार्या डॉ. अपर्णा ने वैदिक चिकित्सा परंपरा के बारे में बताया। इसके बाद योगाचार्य जितेंद्र प्रताप सिंह ने विशुद्ध योग साधना की विशेष प्रविधियां सिखाईं।