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Bihar Politics: Prashant Kishor alleges, can Ashok Chaudhary resign at any time nitish kumar
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Bihar Politics: Prashant Kishor ने लगाया आरोप, किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं अशोक चौधरी? Nitish Kumar
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Mon, 22 Sep 2025 01:33 PM IST
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कांग्रेस से जनता दल यूनाईटेड में आए डॉ. अशोक चौधरी किसी भी समय मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी जीत के आसार नजर आने लगे हैं। पीके ने अशोक चौधरी पर गलत तरीके से 200 करोड़ की संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया था। मंत्री की ओर से जवाब का इंतजार करते हुए सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड के नेताओं ने शनिवार को चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार के प्रति जीराे टॉलरेंस की नीति का हवाला देते हुए उनसे निर्णय लेने की मांग रख दी है। मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मसले पर पहले भी मंत्रियों को बाहर करने के लिए जाने जाते हैं और 2017 में तो उन्होंने अपनी महागठबंधन सरकार ही इसी बात पर गिरा दी थी। प्रशांत किशोर ने मंत्री अशोक चौधरी के खाता विवरण तक की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस कर दी थी, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आ रहा था। मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी शनिवार को सामने आईं भी तो उन्होंने इसे नीच हरकत कहते हुए पिता पर लगे आरोपों को लेकर कुछ खास नहीं कहा। जदयू के विधान पार्षद और पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने मुखर होकर शनिवार को ही मांग की कि अशोक चौधरी अपना पक्ष रखें। जदयू के कई नेताओं ने उनकी इस मांग को जायज बताते हुए कहा कि मंत्री अशोक चौधरी के कारण सीएम नीतीश कुमार की छवि धूमिल हो रही है और यह गलत है। अब रविवार को भाजपा नेताओं ने भी यही बात कहनी शुरू कर दी है। अब तक मंत्री की ओर से जवाब नहीं आया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्रियों पर आरोप बर्दाश्त नहीं करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2017 में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर लगे आरोपों पर जवाब मांगा था और तथ्यात्मक बातें नहीं आने पर महागठबंधन की सरकार से ही खुद जाकर इस्तीफा दे दिया था। तब, वह भारतीय जनता पार्टी के साथ लौटे थे। वैसे, इसके पहले और बाद में भी वह गंभीर आरोपों को दरकिनार नहीं करने के लिए जाने जाते रहे हैं। जीतन राम मांझी, आरएन सिंह, रामाधार सिंह, अवधेश कुशवाहा, मंजू वर्मा से लेकर 2020 की सरकार में मंत्री बने डॉ. मेवालाल चौधरी तक उनकी ऐसी कार्रवाई की जद में आ चुके हैं। इन मंत्रियों को सीएम नीतीश कुमार के कहने पर इस्तीफा देना पड़ा था।
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