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VIDEO : अधिवक्ताओं की हड़ताल खत्म होने से कोर्ट में बहस, गवाह, निर्णय में आई तेजी
नोएडा ब्यूरो
Updated Thu, 28 Nov 2024 06:31 PM IST
गाजियाबाद प्रकरण को लेकर चली दीवानी एवं फौजदारी गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की हड़ताल समाप्त से कोर्ट परिसर में वादकारियों की भीड़ देखी जा रही है। गुरुवार को भी कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के साथ वादकारियों की भीड़ रही। गाजियाबाद कचहरी परिसर में पुलिस ने अधिवक्ताओं पर की लाठीचार्ज के विरोध में जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर के अधिवक्ता हड़ताल पर थे।
अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के चलते वादकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। आक्रोशित अधिवक्ता लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अधिवक्ता मंगलवार तक न्यायिक कार्य से विरत रहे थे। बुधवार को काम शुरू किया था। पहले दिन जानकारी के अभाव में कम ही वादकारी कोर्ट में आए थे। अधिवक्ताओं की हड़ताल खत्म होने से केस की लंबित मामले कम हो रहे हैं। हालांकि पुरानी लय में आने में अभी सोमवार तक समय लग सकता है।
वकीलों की हड़ताल समाप्त होने से कोर्ट परिसर में बहस, गवाह, निर्णय भी आने लगे हैं। सबसे ज्यादा भीड़ फैमिली कोर्ट में देखी जा रही है। कोर्ट परिसर में अधिवक्ता अपने वादकारियों की तरफ से बहस करने के साथ गवाह पेश करने के लिए पहुंच रहे हैं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी देवटा ने बताया कि इलाहाबाद हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आश्वासन पर किया 15 दिन के मामले पर हड़ताल को स्थगित किया गया है। गाजियाबाद बार एसोसिएशन से आगे जो भी दिशा-निर्देश मिलेगा, उसके मुताबिक आगे कार्य होगा।
अधिवक्ताओं के हड़ताल पर जेल से बाहर आने लोग लोग
अधिवक्ताओं की हड़ताल से जेल प्रशासन को भी राहत पहुंची है। अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण जेल में बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही थी। जेल में बंद बंदियों की संख्या के लिए हड़ताल के कारण कोर्ट आर्डर नहीं आ पाने के कारण बंदियों को जमानत नहीं मिल पा रही है। इससे जेल प्रशासन को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। चार हजार की क्षमता वाली जेल में आम दिनों में 1500-2000 बंदी रहते हैं, लेकिन पिछले दिनों बंदियों की संख्या तीन हजार के पार पहुंच गई थी।
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