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Evacuation in Hisar failed even after 25 days of the deadline, with 30,500 acres of farmland still submerged
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हिसार में डेडलाइन 25 दिन बाद भी नहीं हो सकी निकासी, 30500 एकड़ खेत अब भी डूबे
जिले के 27 गांवों में करीब 30500 एकड़ कृषि भूमि से अब तब पानी की निकासी नहीं हो सकी है। अगस्त महीने के आखिरी सप्ताह में आई तेज बारिश के बाद से इन खेतों में जलभराव है। सिंचाई विभाग ने 30 सितंबर तक पानी निकासी का भरोसा दिलाया था। करीब 30 हजार एकड़ से अधिक एरिया में रबी की फसल की बिजाई नहीं हो सकेगी।
सितंबर महीने के पहले सप्ताह में जिले के 200 से अधिक गांवों में बाढ जैसे हालात बन गए थे। बारिश तथा घग्गर मल्टीपरपज ड्रेन टूटने के कारण करीब 6.67 लाख एकड़ फसलों को नुकसान हुआ। जिसके लिए किसानों ने क्षति पूर्ति पोर्टल पर नुकसान का ब्योरा दर्ज कराया था। प्रदेश सरकार ने जल्द से जल्द पानी निकासी के निर्देश दिए थे। 10 सितंबर से जिला प्रशासन ने खेतों से पानी निकासी के लिए पंप लगाने शुरु किए थे। सिंचाई विभाग ने 350 से अधिक पंप लगाए हैं।विभाग ने 30 सितंबर तक पानी निकासी का दावा किया था। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार अब भी करीब 20500 एकड़ एरिया में जलभराव है।
इन गांवों में अब भी जलभराव
राजली,बधावड़,ढांड ,पंघाल,बिचपड़ी, धिंगताना,सरसौद,मतलोडा, जेवरा, धान्सू, सुलखनी, मिर्जापुर, टोकस, पातन,हिंदवान
आर्यनगर,नियाना,खरड़, लितानी,गुराना, रायपुर, शिकारपुर,
अक्तूबर की बारिश ने फिर से डुबोया.....
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 28 सितंबर तक जिले 15 हजार एकड़ एरिया में ही पानी निकासी का काम बचा था। अक्तूबर माह के पहले सप्ताह में तीन दिन तक आई बारिश के बाद करीक 75 हजार एकड़ में जलभराव हो गया। जिसकी निकासी के लिए दोबारा से प्रयास शुरु किए गए।
650 पंप लगाकर निकासी के प्रयास
पंचायत विभाग, सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से खेतों के पान की निकासी के लिए करीब 350पंप लगाए हैं। इसके अलावा ग्रामीणों अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक -धार्मिक संस्थाओं की करीब 300 मोटर व पंपसेट लगाए हैं। जिनकी मदद से खेतों के पानी की निकासी के प्रयास किए जा रहे हैं। खेतों के पानी को निकाल कर नहरों में डाला जा रहा है। कुछ स्थानों पर बरसाती पानी को ड्रेन में डाला जा रहा है।
अभी तक नहीं मिला मुआवजा
प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को खराब फसलों का मुआवजा दिवाली तक देने का एलान किया गया था। प्रदेश में अभी तक सत्यापन का काम ही पूरा नहीं हो सका। ऐसे में किसानों को मुआवजा मिलने की अभी आस नहीं दिख रही। किसानों को अभी तक जनवरी 2025 में बारिश-ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा भी नहीं मिल पाया है।
खेतों से पानी की निकासी कराई जा रही है। अगर अक्तूबर महीने के पहले सप्ताह में 80 एमएम बारिश नहीं आती तो अब तक पानी निकल जाता। आखिरी बारिश ने पूरे जिले में दोबारा से जलभराव कर दिया। उम्मीद है कि दस दिन में पूरे जिले में पानी निकासी हो जाएगी। -रणबीर गंगवा, जनस्वास्थ्य मंत्री, हरियाणा
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