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हिसार: डीएसपी श्रद्धा सिंह ने छात्राओं को बताए साइबर क्राइम से बचने के तरीके
डीएसपी श्रद्धा सिंह ने कहा कि अगर आपके साथ कभी साइबर क्राइम होता है तो आप उसकी सबसे पहले शिकायत करें। आप अपने अभिभावक व स्कूल में शिक्षकों को इस बारे में बताए। प्रतिदिन लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं और ऐसे मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। आप जितने जागरूक होंगे, उतना ही आप खुद को साइबर अपराध से बचा सकेंगे।
डीएसपी श्रद्धा सिंह अमर उजाला फाउंडेशन की तरफ से होली चाइल्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने विद्यार्थियों को साइबर अपराध, नशा व यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध कई तरह का होता है। जब सोशल मीडिया पर किसी को तंग किया जाता है तो उसे साइबर ट्रोलिंग कहते हैं। आइडेंटिटी थेफ्ट उसे कहा जाता है, जब कोई किसी नकली प्रोफाइल बनाकर किसी अन्य से बातचीत करता है। ऐसे केस में ज्यादातर लड़कियों की फोटो का इस्तेमाल किया जाता है। ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान जब से किसी तरह का फ्रॉड किया जाता है तो उसे गेमिंग फ्रॉड कहा जाता है। जब कोई किसी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का सोशल मीडिया पर पीछा करता है तो उसे साइबर स्टॉकिंग कहा जाता है। ऐसे मामले भी ज्यादातर लड़कियों के साथ होते हैं। माॅर्फिंग भी एक तरह का साइबर क्राइम होता है। इसमें फोटो या वीडियो को एडिट कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए फोटो में चेहरा किसी सोनू का होगा और बाकी शरीर किसी मोनू का। मगर फोटो देखने में सोनू का ही लगेगा। इस तकनीक का इस्तेमाल किसी को परेशान करने के लिए किया जा सकता है। डीप फेक भी साइबर क्राइम का ही एक पार्ट है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से किसी व्यक्ति भी वीडियो से छेड़छाड़ की जा सकती है। मान लिजिए कि कोई फेसम व्यक्ति है तो डीप फेक की मदद से उससे वीडियो में कोई बात भी बुलवाई जा सकती है, बेशक उसने वह बात न बोली हो। मगर जब आप उस वीडियो को देखोगे तो आप यह नहीं बता सकते कि इस वीडियो नकली है।
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