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VIDEO : जंगलों में भीषण आग की घटनाओं पर सेना और एनडीआरएफ के जवान संभालेगें मोर्चा
वन मंडल जोगिंद्रनगर में आग की बड़ी घटनाओं से निपटने के लिए सेना और एनडीआरएफ के जवान भी मोर्चा संभालेगें। वहीं दमकल विभाग के जवानों को भी अलर्ट पर रखा गया है। लगभग 25 हजार हैक्टेयर वन संपदा को आग से बचाने के लिए फायर फाईटिंग टीमें भी फिल्ड पर तैनात कर दी गई है। 50 से अधिक फायर वाचरों को जंगलों की आग और बचाव के लिए जिम्मेवारियां सौंपी गई है। वन मंडल जोगिंद्रनगर के अधीन आने वाली उरला, धर्मपूर, कमलाह, लडभड़ोल और जोगिंद्रनगर की पांच रेंजों में आग की घटनाओं से अति संवेदनशील 40 बीटां में वन विभाग के रेंज अधिकारी अपने स्तर पर आग पर नियंत्रण पाने का जिम्मा उठाएगें। वीरवार को वन मंडलाधिकारी जोगिंद्रनगर ने फायर सीजन में जंगलों को सुरक्षित रखने की उपरोक्त तमाम जानकारी सांझी करते हुए बताया कि डिविजन और वन परिक्षेत्र में कंट्रोल रूम स्थापित कर जंगलों के बचाव के कार्य पूरे किए जाएगें। स्वयं सहायता समूह के साथ पुलिस और दमकल विभाग के जवानों को जंगलों की आग में सहयोग करने के लिए पत्राचार भी किया गया है। बताया कि वन मंडल जोगिंद्रनगर की 15 हजार से अधिक अति संवेदनशील वन परिक्षेत्र को आग से बचाना इस साल प्राथमिकता रहेगी। अप्रैल माह में ड्राई रन को देखते हुए दुर्गम क्षेत्रों में जंगल की आग पर काबू पाने के लिए वायु सेना के हैलीकॉप्टर का भी सहारा लिया जाएगा। वन मंडल जोगिंद्रनगर के एसीएफ अश्वनी ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि फोरैस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के आधुनिक सिस्टम से वन रक्षकों को जोड़कर जंगल की आग पर त्वारित काबू पाने की भी योजना बनाई गई है। कुल 6 रेंजों की 56 बीटों में वन विभाग के सौ से अधिक अधिकारी और कर्मचारी जंगल की आग की निगरानी और बचाव के लिए फिल्ड पर 24 घंटे तैनात रहेगें। वीरवार को वनमंडलाधिकारी कमल भारती ने कहा कि जंगल में आग लगाने पर दो साल की सजा का प्रावधान भी है। भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जंगल में आग लगाने वालों पर वन विभाग आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएगा। उन्होंने फायर सीजन के दौरान जंगलों को आग से बचाने के लिए हर वर्ग के लोगों से सहयोग की अपील की है ताकि बहुमूल्य वन संपदा को आग की घटनाओं से सुरक्षित बचाया जा सके।
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