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Mandi: सीटू ने सरकाघाट पुलिस पर कंपनी को बचाने और मजदूरों को डराने के लगाए आरोप
राष्ट्रीय उच्च मार्ग 03 हमीरपुर से सरकाघाट धर्मपुर पर सूर्या व गावर कन्स्ट्रक्शन कंपनी द्धारा मज़दूरों का वेतन न देने और उनके लिए रहने व खाने के लिए की गई व्यवस्था बंद करने के बारे में मजदूरों ने एसडीएम सरकाघाट को मजदूर संगठन सीटू के मार्गदर्शन में शनिवार को मांगपत्र दिया था और दो दिन में मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आज सोमवार को कंपनी के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी, लेकिन कंपनी ने पुलिस थाना सरकाघाट प्रभारी के हस्तक्षेप पर सूर्या कंपनी के उप परियोजना प्रबंधक श्रीकांत ने डेढ़ दर्जन मजदूरों जिनमें प्रमोद, शरवन कुमार, जितेंद्र, इरशाद, हरप्रीत, सुनील, रविन्द्र, राजकिशोर, बीरबल, लोकेंद्र, विनय, बालम राम, राजीव लवकुश इत्यादि के साथ लिखित में इकरारनामा करके अगस्त 15 के बाद सभी मज़दूरों का फुल एन्ड फाइनल करने का लिखित में इकरार किया है। इस बारे आज सीटू जिला प्रधान भुपेन्द्र सिंह दिनेश काकू, सुरेश शननी, सतीश राणा मजदूरों और कंपनी डीपीएम के साथ बैठक की और ये तय किया गया कि लंबित वेतन 5 अगस्त तक मज़दूरों को अदा कर दिया जाएगा और सभी का फाइनल 20 अगस्त तक कर दिया जाएगा। इस दौरान किसी मजदूर की गैरकानूनी छंटनी नहीं कि जाएगी। ठहरने की व्यवस्था चोलथरा में कर दी गई है और खाना पहले की तर्ज पर नियमित तौर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है, क्योंकि कंपनी ने इन मजदूरों को पिछले दो महीने की सैलरी नहीं दी है जो नियमानुसार उसे हर महीने देनी होती है और इसके अलावा उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था करनी होती है। हालंकि सीटू और किसान सभा तथा मजदूरों ने आज सरकाघाट में प्रदर्शन रखा था, लेकिन पुलिस ने उनसे शनिवार को जबरदस्ती साइन करवा दिए थे और उन्हें एक महीने तक इंतजार करने के लिए डरा धमका कर राजी कर दिया था। सीटू जिला प्रधान भुपेन्द्र सिंह ने बताया कि इन मजदूरों को शनिवार देर शाम पुलिस थाना में बुलाया गया और थाना प्रभारी ने उनपर कंपनी के कहे अनुसार समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करवा दिये और मजदूरों को थाने में धमकी दी गई कि वे अगर साइन नहीं करेंगे तो उन पर चोरी का मुकदमा बना दिया जाएगा और वेतन में कटौती कर दी जाएगी। जिस कारण वे डर गए और हस्ताक्षर कर दिए।भुपेन्द्र ने बताया कि पुलिस को मज़दूरों के लंबित वेतन को दिलवाने के लिए कंपनी पर एक्शन लेना चाहिए था लेक़िन वे उन्हें थाने में बुलाकर धमकियां देने का काम करते हैं। जबकि नियमानुसार उन्हें थाने में नहीं बुलाया जा सकता है यदि उन्होंने कोई जुर्म न किया हो। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि सरकाघाट पुलिस इस कंपनी को बचाने के लिए लम्बे समय से काम कर रही है। पुलिस ने मार्च महीने में भी जब मजदूरों ने यूनियन बना कर धरना प्रदर्शन किया था तो पुलिस ने कंपनी द्वारा रात को 12 बजे के बाद मज़दूरों को यहां से रातों रात गाड़ियों में भरकर अपने घरों को भेजने का काम किया था ताकि वे संगठित न हो सकें। पुलिस पर आरोप है कि वे इस कंपनी के बचाव के लिए ज्यादा तत्पर रहते हैं जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही प्रश्नचिन्ह हैं और अंदर खाते ये चर्चा है कि कंपनी पुलिस प्रशासन के सेवा पानी का पूरा इंतजाम करते हैं तभी तो वे मजदूरों के बजाए कंपनी के लिए काम कर रहे हैं। भुपेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल किसान सभा इस कंपनी के निर्माण कार्य के कारण चोलथरा से पाड़छु पुल तक हुए नुकसान और पेश आ रही समस्याओं बारे 5 अगस्त से जनसम्पर्क अभियान चलाएगी और उसके बाद सरकाघाट में फिर से बड़ा प्रदर्शन करेगी जिसमें मज़दूर भी भाग लेंगे।
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