{"_id":"69329b1731b05559b90fe14d","slug":"cough-syrup-case-investigation-extended-to-five-states-ed-seeks-action-details-from-fsda-2025-12-05","type":"video","status":"publish","title_hn":"Cough Syrup Case: पांच राज्यों तक बढ़ा जांच का दायरा, ED ने FSDA से मांगा कार्रवाई का ब्योरा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Cough Syrup Case: पांच राज्यों तक बढ़ा जांच का दायरा, ED ने FSDA से मांगा कार्रवाई का ब्योरा
Video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Fri, 05 Dec 2025 02:13 PM IST
Link Copied
लखनऊ में नशीले कफ सिरप तस्करी के बड़े रैकेट की जांच लगातार गहराती जा रही है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज करने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने दायरे को यूपी से बढ़ाकर मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड तक फैला दिया है। इसके लिए ईडी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) से अब तक हुई कार्रवाई का पूरा ब्योरा मांगा है।
ईडी की नज़र अब कोडीनयुक्त कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों, सप्लाई चेन से जुड़े फर्मों और उन्हें संरक्षण देने वाले एफएसडीए अधिकारियों पर है। जांच एजेंसी ने यूपी के विभिन्न जिलों में दर्ज 30 से अधिक एफआईआर के आधार पर कार्रवाई शुरू की। मामले के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल को ईडी ने वाराणसी स्थित आवास पर नोटिस चस्पा कर 8 दिसंबर को तलब किया है।
एफएसडीए अब तक 12 से अधिक जिलों की फर्मों के खिलाफ 118 एफआईआर दर्ज करा चुका है। जांच में कई फर्जी फर्मों का खुलासा हुआ है, जो सिर्फ बिलिंग पॉइंट के रूप में काम कर रही थीं और जिनके जरिये अरबों रुपये का नशीला कफ सिरप नेपाल और बांग्लादेश भेजा गया।
हिमाचल की दो, उत्तराखंड की तीन और हरियाणा व झारखंड की एक–एक दवा कंपनियों से बड़े पैमाने पर कफ सिरप खरीदा जा रहा था और फिर लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, बनारस व गाजियाबाद से उसकी तस्करी की जा रही थी। झारखंड की एक कंपनी का सुपर स्टॉकिस्ट शुभम जायसवाल की फर्म ‘सैली ट्रेडर्स’ थी।
ईडी जल्द ही जेल में बंद शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह से पूछताछ करेगी। पूछताछ से पहले एजेंसी उनके बैंक खातों, फर्मों और संपत्तियों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। इस मामले में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट— तुषार और विष्णु अग्रवाल— भी एजेंसी के रडार पर हैं, जो आरोपियों की फर्मों का वित्तीय प्रबंधन करते थे।
उधर, सिंडीकेट का अहम सदस्य आजमगढ़ निवासी विकास सिंह नरवे लगातार एसटीएफ को चकमा दे रहा है। पिछले पांच दिनों में कई जिलों में छापेमारी के बावजूद वह हाथ नहीं आया। नरवे, मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा की तरह पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह का करीबी बताया जा रहा है।
अमित सिंह टाटा और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया था कि नरवे ने ही उन्हें शुभम से मिलवाया था। नरवे भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था तथा पूर्वांचल के कई बाहुबलियों से उसके करीबी संबंध बताए जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि नरवे किसी बड़े माफिया के संरक्षण में है और उसके विदेश—विशेषकर दुबई—भाग जाने की आशंका है। वह आखिरी बार लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाजरत कैबिनेट मंत्री के साथ देखा गया था। इस पूरे नेटवर्क में शामिल गौरव जायसवाल सहित कई अन्य आरोपियों की तलाश भी जारी है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।