जिले में लगातार हो रही बारिश ने कपास की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रदेश के सबसे बड़े कपास उत्पादक जिले में खेतों से लेकर जिनिंग इकाइयों तक आर्थिक नुकसान का आंकड़ा 10 करोड़ रुपए से अधिक बताया जा रहा है। अत्यधिक नमी के कारण कपास की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, वहीं एक दिन पूर्व हुई बारिश से कई कपास कारखानों में सूख रहा कपास पूरी तरह भीग गया, जिससे किसान और कपास व्यापारी दोनों चिंतित हैं।
मप्र कॉटन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में खरगोन मंडी में एक माह पहले से कपास की खरीदी शुरू हो जाती है। यही कारण है कि नमी का कपास भी व्यापारी खरीदते हैं और उसे कारखानों में सूखाते हैं लेकिन एक दिन पूर्व हुई जोरदार बारिश ने शहर के कपास कारखानों मे सूख रहा करोड़ों के कपास का खराब कर दिया है। अब खराब कपास की 10 से 20 फीसदी राशि आना भी मुश्किल नजर आ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने कहा कि बारिश के कारण खरगोन में करीब 10 करोड़ के कपास का नुकसान हुआ है।
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केके फायबर्स के संचालक प्रितेश अग्रवाल ने बताया कि उनके जिनिंग परिसर में सूखने के लिए रखा गया करीब 700 क्विंटल कपास बारिश से भीग गया और कई जगह पानी भरने से फसल बहने तक की नौबत आ गई।
मंडी नीलामी स्थगित, नई तारीख 6 अक्टूबर तय
कपास की गुणवत्ता पर असर पड़ने से खरगोन कृषि उपज मंडी में नीलामी की प्रक्रिया एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई है। मंडी सचिव शर्मिला ने बताया कि गीला कपास बिकने की स्थिति में नहीं है, इसलिए नीलामी अब 6 अक्टूबर को की जाएगी। इस निर्णय के लिए व्यापारियों और किसानों से मिले आवेदन और मौसम की परिस्थिति को आधार बनाया गया है।
बारिश के आंकड़े और मौजूदा स्थिति
जिले में अब तक कुल 28 इंच (705 मिमी) बारिश दर्ज की गई है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 38 इंच (952 मिमी) बारिश हुई थी। इस बार औसत से करीब साढ़े 4 इंच (120 मिमी) कम बारिश हुई है। हालांकि कम बारिश के बावजूद लगातार हो रही बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी फसल और जिनिंग इकाइयों में रखे कपास को भारी नुकसान पहुंचा है।
बारिश में बह गया लाखों रुपए मूल्य का कपास- फोटो : credit
बारिश में बह गया लाखों रुपए मूल्य का कपास- फोटो : credit