दमोह के देहात थाना क्षेत्र के ग्राम बांसातारखेड़ा के चिथरयाऊ टोला में शनिवार की रात खेत में बनी टपरिया में आग लगने से चार माह के मासूम की जिंदा जलने से मौत हो गई।
सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पहुंची और मामले को जांच में लिया।
जानकारी के अनुसार सागर नाका चौकी अंतर्गत बांसातारखेड़ा निवासी जितेंद्र गौंड पथरयाऊ टोला गांव में शैलेंद्र तिवारी के खेत में सिंचाई के लिए ठेका लिए हुए था। जो वहां पर टपरिया बनाकर रहता था। उसका पूरा परिवार भी देखरेख के लिए खेत पर आ जाता था। शनिवार की रात जितेंद्र अपनी पत्नी धनाबाई के साथ खेत में पानी दे रहा था। झोपड़ी में उसका चार माह का बच्चा निशांत सो रहा था। इसी दौरान झोपड़ी के अंदर जल रहे चूल्हे की आग की कोई चिंगारी निकली। जिससे वहां रखे कपड़ों में आग लग गई। कच्ची झोपड़ी होने एवं पास में सूखी घास रखी होने की वजह से आग तेजी से भड़क गई और पूरी झोपड़ी में आग लग गई। आग लगने के बाद अंदर सो रहा मासूम बालक चीखने लगा। गांव के अन्य लोगों ने घटना देखी तो चिल्लाना शुरू किया। तभी परिजन पहुंचे, किसी तरह आग में झुलसे बेटे का बाहर निकालकर जिला अस्पताल ले गए, वहां जांच के बाद डाक्टर ने बेटे को मृत घोषित कर दिया। उधर पूरी झोपड़ी आग में जलकर खाक हो गई।
रात में ही एएसपी सुजीत सिंह भदोरिया और दमोह एसडीएम आरएल बागरी देहात थाना पुलिस के साथ घटना स्थल पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। मासूम के शव को जिला अस्पताल के शव गृह में रखा गया है, रविवार सुबह उसका पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपा जाएगा। परिजन रात में ही घर चले गए थे।
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इसी साल दो बच्चियों की झोपड़ी की आग में हुई थी मौत
दमोह जिले के मगरोन थाना क्षेत्र के बरोदा गांव में खेत में बनी झोपड़ी में 8 जनवरी 2025 को आग लगने से दो बच्चियों के जिंदा जलने की खबर आई थी। बरोदा गांव में खेत में बनी झोपड़ी में अचानक आग लग गई। जिसमें गोविंद आदिवासी की बेटी जाहवी, कीर्ति व पांच माह की हीर झोपड़ी की आग की जद में आई थीं। घायल बच्चियों को इलाज के लिए हटा सिविल अस्पताल लाया गया। यहां से बच्चियों की स्थिति देखकर जिला अस्पताल रेफर किया गया। घायल तीन बच्चियों में से दो की मौके पर ही मौत हो गई थीं। वहीं, एक की हालत बेहद गंभीर होने की स्थिति में जबलपुर रेफर किया गया था। जिसकी भी मौत हो गई थी।
दी जाएगी आर्थिक सहायता
कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि रात में अधिकारी घटना स्थल पहुंचे थे। सुबह तहसीलदार की मौजूदगी में बच्चे का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। साथ ही पीड़ित परिवार को उचित सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।