दमोह के सभी निजी स्कूलों में अब एनसीईआरटी की किताबें ही संचालित की जाएंगी। इसके लिए कलेक्टर के निर्देश पर पुस्तक मेला भी आयोजित किया गया। शहर के एमएलबी स्कूल परिसर में लगे चार दिवसीय पुस्तक मेले के अच्छे परिणाम आने के बाद अब कलेक्टर ने दो और पुस्तक मेले लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने 13 अप्रैल को पुस्तक मेला लगाने का आदेश दिया है, जिसमें केवल पुरानी पुस्तकें एक्सचेंज की जाएंगी। अभिभावक एक-दूसरे से पुस्तकें बदल सकेंगे।
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इसके अलावा, 15 से 20 अप्रैल तक छह दिवसीय पुस्तक मेला फिर से आयोजित किया जाएगा। इसमें सभी स्कूलों की पुस्तकें, ड्रेस और स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। सोमवार रात पुस्तक मेले के समापन कार्यक्रम में पहुंचे कलेक्टर सुधीर कोचर ने इसका एलान किया है। उन्होंने बताया कि अगला चरण 15 से 20 अप्रैल तक छह दिन का होगा। उन्होंने कहा कि इस मेले में काफी अभिभावकों से सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनके आधार पर बेहतर व्यवस्थाओं की तैयारी की जा रही है।
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13 अप्रैल को लगेगा बुक एक्सचेंज मेला
कलेक्टर ने 13 अप्रैल को 'बुक एक्सचेंज मेला' लगाने की जानकारी दी। उन्होंने इसे अपने आप में एक अनोखा मेला बताया। कलेक्टर के अनुसार, कई अभिभावक ऐसे हैं जो या तो मेले में नहीं पहुंच सके या फिर पुस्तकों की अनुपलब्धता के कारण पूरी किताबें नहीं खरीद सके। ऐसे में 15 अप्रैल से लगने वाले मेले से पहले अगर, दुकानदारों के पास सामग्री की कमी है तो वे भी इसे पूरा कर लेंगे। इसके बाद हम एक बार फिर पूरी ऊर्जा के साथ मेले में शामिल होंगे।
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मेले में पुस्तक दान कर सकेंगे अभिभावक
13 अप्रैल को आयोजित होने वाले पुस्तक मेले में अभिभावक मुख्य भूमिका निभाएंगे, क्योंकि वे स्वयं मेला लगाएंगे। कलेक्टर ने बताया कि ऐसे अभिभावक जो अपने बच्चों की पुरानी पुस्तकें दान करना चाहते हैं या जिन्हें पुरानी पुस्तकों की आवश्यकता है, उनके लिए एमएलबी स्कूल दमोह के परिसर में पूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे अभिभावक आपस में विद्यार्थियों की पुस्तकें निशुल्क दे या ले सकें।